65 लाख के सिक्कों और नोटों से सजा भगवान गौरी गणेश का यह दरबार, जमकर वायरल हो रहा वीडियो

गणेश चतुर्थी उसत्व से पहले बेंगलुरु में एक मंदिर का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां 65 लाख रुपये की करेंसी नोटों और सिक्कों से मंदिर को सजाया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins

19 सितंबर यानि की कल देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव (Ganesh Chaturthi festival) बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi 2023) से पहले ही, देश के लगभग हर मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्तियों को अद्भुत तरीके से सजाया जा रहा है. देशभर में गणेश उत्सव का उत्साह देखते ही बन रहा है. इस बीच कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरु (Bengaluru) में श्रीगणेश (Ganesh Puja) महाराज का दरबार (एक मंदिर) 2 करोड़ रुपये के करेंसी नोटों और सिक्कों से सजाया गया है. सजावट के लिए 10, 20, 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक के नोटो का उपयोग किया गया है.

गणेश चतुर्थी उसत्व से पहले कर्नाटक के बेंगलुरु में एक मंदिर का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां 65 लाख रुपये की करेंसी नोटों और सिक्कों से मंदिर को सजाया गया है. बता दें कि, श्री सत्य गणपति मंदिर (Sri Sathya Ganapathy Temple in Bengaluru) जेपी नगर (JP Nagar) में स्थित है, जहां हर साल गणेश पूजा उत्सव के दौरान कुछ अनोखा प्रदर्शित (unique touch) होता है. 

बताया जा रहा है कि, मंदिर की सजावट के लिए 2.18 करोड़ रुपये के करेंसी नोट और 70 लाख रुपये के सिक्कों का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर के ट्रस्टी मोहन राजू ने एनडीटीवी को बताया कि, 'इसे तैयार करने में तीन महीने लगे, जो भी सिक्के और करेंसी नोट इस्तेमाल किए गए हैं, उन्हें उन लोगों को वापस कर दिया जाएगा, जिन्होंने मंदिर को दान दिया है.' पिछले कुछ वर्षों में मंदिर ने गणेश चतुर्थी समारोह के हिस्से के रूप में गणपति की मूर्ति को सजाने के लिए फूल, मक्का और कच्चे केले जैसी पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं का भी उपयोग किया है.

Advertisement

गणेश चतुर्थी 2023 (Ganesh Chaturthi 2023) 

बता दें कि, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) के भाद्रपद महीने (Bhadrapada month) में आता है. यह दिन भगवान शिव (son of Shiva) और माता पार्वती (maa Parvati) के पुत्र भगवान श्रीगणेश महाराज के जन्मदिन (birthday of Lord Ganesha) का प्रतीक माना जाता है. इस त्योहार को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) और गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के नाम से भी जाना जाता है.

Advertisement

इस अवसर पर लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना करते है और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन किसी नदी या समुद्र में मूर्ति को विसर्जित (visarjan) किया जाता है. 

Advertisement