पुणे की आटा मिल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट का एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें उसने मिल से एक अजीबोगरीब नजारा तस्वीर के जरिए अपने पोस्ट में शेयर किया है. यह शख्स मिल के आसपास रहता है. जब इस शख्स ने इस मिल के अंदर झांका तो उसकी नजर दुकान में लगे कई फ्रेम पर गई और उसने इसकी तस्वीर क्लिक कर अपने एक्स हैंडल पर शेयर कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में अटैच इस तस्वीर को देखने के बाद कोई शॉक्ड हो सकता है. इस तस्वीर में मिल की एक दीवार पर 16 परमिट दीवार पर लटके हुए हैं. मिल के मालिक ने छोटे व्यवसाय चलाने के लिए जरूरी इन 16 परमिट को दीवार पर टांग रखा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में बिजनेस करने के लिए नियम कितने सख्त हैं.
एक दुकान में 16 परमिट (Pune flour mill owner hangs 16 permits)
शख्स ने अपने एक्स पोस्ट में इसे भारत में व्यापार करने में आसानी का 'सर्वोत्तम उदाहरण' बताया है. एक्स यूजर नितिन एस धर्मावत ने आटा मिल की दीवार की एक तस्वीर साझा की, जहां मालिक ने 16 फ्रेम किए हुए लाइसेंस टाइप दस्तावेज फ्रेम कर टांग रखे थे, जिनमें से हर दुकान को कानूनी रूप से चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस, मंजूरी या प्रमाण पत्र जरूरी होता है, इन सभी फ्रेम के ठीक बगल में भारत के संविधान की फ्रेम में जड़ी एक प्रति भी है. धर्मावत ने चिंता जताते हुए कहा कि दुकान के मालिक ने हर नियम का पालन किया है, लेकिन फिर भी उसे काम शुरू करने से पहले कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा और इसमें बहुत समय लगा.
क्या कहती है विश्व बैंक की रिपोर्ट (Pune flour mill owner permits)
उन्होंने आगे कहा, 'एक आम आटा चक्की को शुरू करने में भी उन्हें काफी समय लगा, जबकि उन्होंने सभी लाइसेंस को फ्रेम करवाकर अपनी दुकान की दीवार पर टांग दिया है, उनके ठीक बगल में उन्होंने भारत के संविधान की एक प्रति भी फ्रेम करवाकर रखी है, मुझे लगता है कि इसमें बड़ा बदलाव होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है'. वहीं, विश्व बैंक के अनुसार, व्यापार करने में आसानी का मतलब है एक कंपोजिट इंडेक्स, जो इस बात का आकलन करता है कि किसी भी देश का रेगुलेटरी माहौल बिजनेस शुरू करने और उस संचालित करने के लिए कितना अनुकूल है. विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (DBR) 2020 में भारत इस कड़ी में 63वें स्थान पर है. बता दें, विश्व बैंक के रिपोर्ट को बंद करने से पहले यह साल 2019 में प्रकाशित हुई थी. इस रिपोर्ट में सभी देशों की बिजनेस रिपोर्ट के बारे में बताया गया था.
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