भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज रविवार को खामोश होने पर सोशल मीडिया पर भी महान गायिका के लिए श्रद्धांजलि का सैलाब उमड़ पड़ा. कई लोगों ने उनकी तस्वीरों या उनके पुराने गीतों की क्लिप साझा करते हुए उनके निधन को ‘‘एक युग का अंत'' बताया. ट्विटर से लेकर फेसबुक तक न्यूज फीड गायिका की तस्वीरों से पटी रही. उनकी मधुर आवाज ने भारत तथा दुनियाभर में पीढ़ियों तक लोगों के दिलों पर राज किया.
देश की संगीत की सबसे बड़ी हस्ती और भारत रत्न से सम्मानित मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया. उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. वह 92 वर्ष की थीं. उनके निधन की खबर आते ही सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने शोक व्यक्त करना शुरू कर दिया. ‘‘एक युग का अंत'', ‘‘लता जी की आत्मा को शांति मिले'' और ‘‘लता मंगेशकर''ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे.
फेसबुक पर कई उपयोगकर्ताओं ने अपनी पोस्ट में लिखा - ‘‘मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे''.कई लोगों ने उम्रदराज महिला के तौर पर उनकी तस्वीर लगायी, जिसमें वह अपनी चिर परिचित मुस्कान के साथ नजर आयीं, जबकि कुछ अन्य लोगों ने उनके युवा दिनों की तस्वीरें पोस्ट की.
ममता दुगल शर्मा ने लिखा, ‘‘कुछ लोगों का अमर होना तय होता है और लता जी उनमें से एक हैं. असल में उनके गाए पसंदीदा गीतों की सूची तैयार करना असंभव सा है, जो उनके कद को दिखाता है और यह दिखाता है कि हमारे लिए वह क्या हैं. जब तक संगीत हमारी रगों में बहता रहेगा, तब तक वह हमारे दिलों में रहेंगी.''
अयोध्या निवासी और प्रतिष्ठित लेखक यतींद्र मिश्रा ने फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट लिखा. मिश्रा ने मंगेशकर पर एक किताब लिखी है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए मां सरस्वती की आवाज थीं लता मंगेशकर.''
कई लोगों ने उनके गाए देशभक्ति के गीतों को भी साझा किया जैसे कि ‘‘ऐ मेरे वतन के लोगों'' जबकि अन्य लोगों ने कुछ पोस्टर साझा किए जिस पर गीत लिखे हुए थे.
नाइला इनायत ने ट्विटर पर उनके निधन की एक न्यूज क्लिप साझा की और लिखा, ‘‘उनके जैसा कोई नहीं है. रेस्ट इन मेलोडी, लता मंगेशकर.''
महान गायिका के प्रशंसक उन्हें अंतिम विदायी देने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह उनकी मधुर आवाज सुनकर बड़े हुए हैं और उनके निधन ने बेशक एक शून्य पैदा कर दिया है, लेकिन वह अपने यादगार गीतों के जरिए उनकी जिंदगियों को छूती रहेंगी.
शिवाजी पार्क इलाके में रहने वाले कमलाकर बागवे ने मंगेशकर के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताया.उपनगर अंधेरी में रहने वाली मानसी भाटिया, मंगेशकर के निधन की खबर सुनने के बाद शिवाजी पार्क पहुंची. उन्होंने अश्रुपूर्ण आंखों के साथ ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘लता दीदी के निधन का मतलब है कि एक दिव्य आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गयी है और असली सरस्वती चली गयी है.''
भाटिया ने मंगेशकर के आवास प्रभु कुंज में महान गायिका से हुई मुलाकात को याद किया. नवी मुंबई में पनवेल से मंगेशकर को अंतिम विदायी देने आए योगेश पाटिल ने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं. अनुभवी गायक सुरेश वाडकर की संगीत अकादमी से संगीत सीखने वाले पाटिल ने कहा, ‘‘संगीत से प्यार करने वाला कोई भी व्यक्ति उनके गीतों को कभी भुला नहीं सकता.''