शिक्षक ईश्वर से भी बड़े होते हैं. वो हमें अंधकार से दूर कर प्रकाश की ओर ले जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो हमारे लिए प्रेरक हैं. ख़बर ये है कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले एक शिक्षक ने रिटायर होने के तुरंत बाद रिटायरमेंट फंड के 40 लाख रुपए ग़रीब छात्रों की शिक्षा के लिए दान कर दिए. सहायक शिक्षक विजय कुमार चंदसोरिया ने बच्चों की बेहतर शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के लिए अपने परिवार से सलाह लेकर रिटायरमेंट फंड दान दे दिया. ये ख़बर सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है.
पन्ना जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक ने 39 साल की सेवा के बाद विजय कुमार चंदसोरिया ने अपनी कमाई की सभी राशि अपने गरीब छात्रों को दे दी. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा- ‘‘अपनी पत्नी, दो बेटों एवं बेटी की सहमति से मैंने अपने भविष्य निधि और ग्रेच्युटी के सारे पैसे गरीब छात्रों के लिए स्कूल को दान करने का फैसला लिया है. दुनिया में कोई भी दुख को कम नहीं कर सकता, लेकिन हम जो भी अच्छा कर सकते हैं वह करना चाहिए.''
सामाचार एजेंसी ‘भाषा' से फोन पर बातचीत में सेवानिवृत्त शिक्षक ने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवनकाल में बहुत संघर्ष किया है. मैंने अपना गुजारा एवं पढ़ाई पूरी करने के लिए रिक्शा चलाया और दूध बेचा. मैं 1983 में शिक्षक के पद पर पदस्थ हुआ था. ‘‘मैं 39 साल तक गरीब स्कूली बच्चों के बीच रहा और उन्हें हमेशा ही अपने वेतन से उपहार और कपड़े देता रहा. उपहार पाकर बच्चों के चेहरे की खुशी देखकर मुझे यह प्रेरणा मिली. इन बच्चों की खुशी में ईश्वर दिखते हैं.''
विरले लोग ही होते हैं, जो ऐसा फैसला ले पाते हैं. विजय कुमार चंदसोरिया हमारे लिए एक प्रेरणा हैं.