बिहार के सारण जिले के रहने वाले संदीप शाही, जिन्हें 2003 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल किया गया था. वर्तमान में हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत शाही को 2014 में एक सड़क दुर्घटना का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह भाग्यशाली थे कि एक हेलमेट ने उन्हें सुरक्षा दी. सड़क हादसों के कारण पुलिस रैंकों में हताहतों की बढ़ती संख्या पर शाही की चिंता इन लगातार दुर्घटनाओं के साथ तेज हुई, जिन्होंने उन्हें जनता के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता को शुरू करने के लिए प्रेरित किया. उनकी अनूठी प्रचार शैली और उनकी रैलियों में संगीत और नृत्य के संयोजन ने लोगों का अत्यधिक ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूकता के अपने समुदाय-केंद्रित कारण के माध्यम से दिल्ली की सड़कों पर अकेले ही 1100 से अधिक हेलमेट वितरित करने में कामयाबी हासिल की और मीडिया द्वारा 'हेलमेट मैन' की उपाधि प्राप्त की. उनके प्रभाव ने उनके गांव, देवपुरा, छपरा, सिवन, पटना, बोकारो, रायपुर, बिलासपुर और अयोध्या में इसी तरह के जागरूकता अभियानों को प्रेरित किया.
इस तस्वीर में हैं कितने चेहरे ? अभी तक नहीं मिला इस पहेली का सही जवाब
'किस्सा खाकी का' पॉडकास्ट को प्रसिद्ध मीडिया शिक्षिका वर्तिका नंदा सुनाएंगी, जो अपने रेडियो कार्यक्रम की पहल के माध्यम से जेल सुधारों पर भी काम कर रही हैं. यह ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपलब्ध होगा.
डिजिटल दुनिया में अब दिल्ली पुलिस भी एक के बाद एक नए कदम रख रही है. डिजिटलाइजेशन के इस दौर में दिल्ली पुलिस ऑडियो प्रेजेंटेशन के जरिए अपनी बात अब दिल्ली की जनता तक पहुंचा रही है. किस्सा खाकी का, दिल्ली पुलिस पॉडकास्ट का आधिकारिक पॉडकास्ट, जो अपने साप्ताहिक एपिसोड के माध्यम से मानवता, साहस, अपराध और न्याय की कई कहानियों को प्रकाश में ला रहा है, इस रविवार को अपनी नवीनतम एपिसोड में हेड कांस्टेबल संदीप शाही की कहानी को प्रदर्शित किया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'किस्सा खाकी का' नाम के शीर्षक वाले इस पॉडकास्ट में दिल्ली पुलिस कर्मियों के सभी रैंक कर्मियों ने अपनी असाधारण सेवाएं दी है, उन सभी के बारे में जानकारी दी जा रही है.