रूटीन हेल्थ चेकअप में कर्मचारी को निकली ऐसी बीमारी, कंपनी में मच गया हड़कंप, तुरंत नौकरी से निकाला

कैंसर मरीज कर्मचारी को कंपनी ने नौकरी से निकाला! 8 साल बाद एक झटके में टर्मिनेशन . पुणे में भूख हड़ताल पर बैठा शख्स, IT सेक्टर में हड़कंप

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कैंसर मरीज कर्मचारी को कंपनी ने नौकरी से निकाला!

पुणे के येरवड़ा स्थित कॉमर्स ज़ोन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने IT इंडस्ट्री में एथिक्स और जॉब सेक्योरिटी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. एक बहुराष्ट्रीय IT कंपनी के कर्मचारी को कैंसर का इलाज चल रहा था, और उसी दौरान उसे नौकरी से निकाल दिया गया. अब पीड़ित कर्मचारी कंपनी के दफ्तर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गया है और न्याय की मांग कर रहा है.

बीमारी के बीच ही छिन गई नौकरी

संतोष पाटोले, जो पिछले 8 वर्षों से SLB (Schlumberger) कंपनी में फ़ैसिलिटी मैनेजर के पद पर काम कर रहे थे, अप्रैल के हेल्थ चेकअप में थायरॉइड नोड्यूल इस्तमस कैंसर से ग्रस्त पाए गए. जैसे ही रिपोर्ट आई, उन्होंने मई और जून में सर्जरी और उपचार के लिए मेडिकल लीव ली. कंपनी जून तक उनके इलाज का पूरा खर्च कवर कर रही थी. 

अचानक टर्मिनेशन

डॉक्टरों ने 1 जुलाई को उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करने की अनुमति भी दे दी थी. लेकिन ठीक उसी समय, 23 जुलाई को कंपनी ने उन्हें अचानक टर्मिनेशन लेटर सौंप दिया. इसी के साथ: इलाज का खर्च बंद, स्वास्थ्य बीमा/कवर बंद, चल रहा मेडिकल ट्रीटमेंट अधर में. संतोष के अनुसार, यह फैसला उन्हें मानसिक रूप से तोड़ गया और इलाज जारी रखना मुश्किल हो गया. कंपनी ने टर्मिनेशन के लिए यह कारण बताया कि संतोष के एक फैसले से कंपनी को 2.5–3 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता था.

लेकिन संतोष का दावा है कि: यह झूठा आरोप है, जिस प्रोजेक्ट की बात कही जा रही है, वह तो अब तक लागू ही नहीं हुआ, “ये आरोप सिर्फ मुझे निकालने के लिए लगाए गए हैं”. उनके अनुसार कंपनी ने उनकी कोई बात नहीं सुनी और न ही उन्हें सफाई का मौका दिया.

इलाज के खर्च ने बढ़ाया तनाव

पहले जो मेडिकल खर्च कंपनी उठा रही थी, वह बंद हो गया. सर्जरी के बाद चल रहा इलाज अब संतोष के लिए आर्थिक बोझ बन गया है. उन्होंने कहा: “उपचार बंद नहीं कर सकता… लेकिन खर्च अकेले उठाना मुश्किल है. अब मानसिक, शारीरिक और आर्थिक, तीनों तरह का तनाव झेल रहा हूं.” न्याय की मांग करते हुए संतोष पाटोले अब कंपनी के पुणे ऑफिस के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि नौकरी का अन्यायपूर्ण टर्मिनेशन वापस लिया जाए. मेडिकल कवरेज दोबारा शुरू किया जाए. झूठे आरोप हटाए जाएं. यह मामला पूरे IT सेक्टर में एम्प्लॉई राइट्स और कॉर्पोरेट एथिक्स पर बहस शुरू कर चुका है.

यह भी पढ़ें: दो हिस्सों में टूट रहा अफ्रीका! धरती के नीचे हो रहा नए महासागर का जन्म, वैज्ञानिकों ने बता दी चौंकाने वाली बात

Advertisement

US से आए NRI के साथ भारत में ऐसा क्या हुआ? फिर भाग रहा विदेश, पोस्ट पर मचा बवाल

रतन टाटा का गरीब भाई! न मोबाइल न आलीशान बंगला, आखिर क्यों रहते हैं 2BHK फ्लैट में...

Featured Video Of The Day
Cough Syrup Case: Dhananjay Singh ने दिया आरोपों पर किया पलटवार, CBI जांच की मांग | NDTV Exclusive