मंगल ग्रह पर उड़ेगा चीन का हेलिकॉप्टर, अमेरिका को मिलेगी कड़ी टक्कर, जानें पूरी जानकारी

इस फोल्डेबल हेलिकॉप्टर को सुविधा के लिए बनाया गया है. इससे स्पेस में ले जाते समय जगह की कमी होगी और आसानी से पोर्ट हो जाएगा. स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार एक जर्नल आर्टिकल में उस हेलीकॉप्‍टर के डिजाइन के बारे में बताया गया है.

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स्पेस एजेंसी की कोशिश रहती है कि वे दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश करें. इस समय विश्व के कई देश हैं जो चांद, मगल पर जीवन की तलाश कर रहे हैं. अमेरिका और चीन सभी देशों से आगे हैं. इनके बीच आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा रहती है. अभी हाल ही में अमेरिका ने मंगल ग्रह पर एक रोबोट जैसा हेलिकॉप्टर उड़ाया है जो मंगल पर सैंपल के लिए मौजूद है. अभी तक 60 से ज्यादा बार इस हेलिकॉप्टर ने अपनी सेवाएं दी हैं. इसी तर्ज पर चीन भी एक हेलिकॉप्टर बनाने की योजना बना रहा है, जो फोल्डेबल है. इसकी मदद से चीन भी मंगल पर सैंपल इक्कट्ठा करेगा.

इस फोल्डेबल हेलिकॉप्टर को सुविधा के लिए बनाया गया है. इससे स्पेस में ले जाते समय जगह की कमी होगी और आसानी से पोर्ट हो जाएगा. स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार एक जर्नल आर्टिकल में उस हेलीकॉप्‍टर के डिजाइन के बारे में बताया गया है.कहा जाता है कि चीन अपने हेलीकॉप्‍टर की मदद से मंगल ग्रह पर सैंपल इकट्ठा करेगा.यह मिशन साल 2028 से 2030 के बीच शुरू हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अभी ना ही इसका डिजाइन फाइनल है ना ही कोई प्‍लानिंग इसे डेवलप करने के लिए बनाई गई है.अगर मार्सबर्ड-VII आकार ले लेता है और टेस्‍ट में भी सफल रहता है, तो चीन के लिए मंगल मिशन और आसान हो जाएगा.फ‍िलहाल तो नासा का इनजेनिटी हेलीकॉप्टर (Ingenuity) अकेला है जो लाल ग्रह पर यात्रा कर रहा है.

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चीन और अमेरिका ऐसे देश हैं, जो पृथ्वी पर एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में लगे हैं. पृथ्वी के बाहर भी ये देश आगे बढ़ने की कोशिश में लगे हुए हैं. अमेरिकी और चीनी स्पेस एजेंसियों के बीच आगे बढ़ने की होड़ जारी है. हालांकि, कई ऐसे भी देश हैं जो मंगल पर घर बनाने के सपने देख रहे हैं.

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