अक्सर सोशल मीडिया पर लोग कामकाज और दफ्तरों में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं को शेयर करते हैं, जो कई बार हैरान कर देती हैं तो कभी-कभी उनके बारे में जानकर हंसी भी छूट जाती हैं. हाल में एक युवा कर्मचारी के काम पर देर से आने की घटना ने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है. इस कर्मचारी ने ऑफिस लेट से आने को लेकर ऐसा तर्क दिया कि मैनेजर हक्का-बक्का रह गया. वकील आयुषी दोशी ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बॉस और एम्पलाई के बीच की बातचीत देखी जा सकती है.
स्क्रीनशॉट में लिखा था, "हाय सर और मैडम मैं कल सुबह 11.30 बजे आऊंगा क्योंकि मैं अभी 8.30 बजे कार्यालय से निकल रहा हूं." आयुषी दोशी ने कहा कि मैसेज पढ़ने के बाद वह अवाक रह गई, "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरे जूनियर ने मुझे यह भेजा है. आजकल के बच्चे कुछ और ही होते हैं. वह देर से गया, इसलिए अब वह इसकी भरपाई करने के लिए कार्यालय में देर से आने वाला है. क्या कदम है. मैं अवाक रह गई हूं."
एक अन्य ट्वीट में, दोशी ने स्पष्ट किया, "टिप्पणी करने वाले सभी लोगों के लिए, मैं स्थिति को स्पष्ट करना चाहती हूं. उन्हें एक काम को पूरा करने के लिए 3 दिन की समय-सीमा दी गई थी, जिसके लिए आमतौर पर कम से कम एक पूरा दिन काम करना पड़ता है. उनके काम के घंटे सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक थे, लेकिन अगर वे उस समय-सीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर पाते, तो उन्हें काम पूरा करने के लिए मुश्किल से 1.5 घंटे लगाने पड़ते थे. समस्या यह है कि वे काम पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने फोन पर लगे रहकर अपना बहुमूल्य समय खो रहे हैं. जब कोई समय-सीमा पूरी करनी होती है, तो कभी-कभी सब कुछ पूरा करने के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय आवश्यक होता है."
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कई इंटरनेट यूजर्स ने कर्मचारी का पक्ष लिया है, यह तर्क देते हुए कि देर से काम करने पर और देरी से दंडित नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, अन्य लोग असहमत हैं, उनका कहना है कि समय की पाबंदी जरूरी है. एक यूजर ने लिखा, "दीदी, आपने उसे रात 8:30 बजे तक काम क्यों करने दिया?" दूसरे ने लिखा, "मुझे उसका आत्मविश्वास पसंद आया, वह अपने काम में अच्छा होगा."