ब्लिंकिट की 10 मिनट डिलिवरी सर्विस ने कैसे बचाया महिला का US वीजा, खुद सुनाई आपबीती

दिल्ली स्थित US Embassy में वीजा इंटरव्यू से पहले महिला अपने जरूरी डॉक्यूमेंट्स भूल गई, लेकिन Blinkit ने 15 मिनट में प्रिंटेड पेपर्स पहुंचाकर उसका दिन बचा लिया. यह कहानी भारत के क्विक कॉमर्स सिस्टम की ताकत दिखाती है.

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Blinkit ने 15 मिनट में पलट दी किस्मत!

भारत के क्विक कॉमर्स सेक्टर ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है. दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर वीजा इंटरव्यू की लाइन में खड़ी एक महिला के लिए Blinkit किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ. महिला अपने US वीजा इंटरव्यू के लिए जरूरी दस्तावेज भूल गई थीं, लेकिन Blinkit की 15 मिनट की डिलीवरी ने उनकी बड़ी परेशानी को पल भर में हल कर दिया.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला गौरी गुप्ता, एक AI स्टार्टअप की फाउंडर और IIT ग्रेजुएट से जुड़ा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना अनुभव शेयर किया है, जो देखते ही देखते वायरल हो गया. गौरी ने बताया कि वह सुबह 8 बजे के O-1 वीजा इंटरव्यू के लिए दिल्ली स्थित US Embassy पहुंची थीं. लाइन में खड़े-खड़े उन्हें एहसास हुआ कि उनके कुछ बेहद जरूरी दस्तावेज उनके पास नहीं हैं, जिन्हें O-1 वीजा अप्रूवल के लिए अहम माना जाता है.

पैनिक मोड में आईं गौरी

मार्केट जाने का समय नहीं था और इंटरव्यू का स्लॉट नजदीक था. ऐसे में गौरी काफी घबरा गईं. तभी वहां मौजूद एक सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें Blinkit ऐप इस्तेमाल करने की सलाह दी. गौरी ने बताया कि उन्होंने वहीं खड़े होकर Blinkit ऐप पर अपने डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए और प्रिंट ऑर्डर कर दिया. हैरानी की बात यह रही कि सिर्फ 15 मिनट में प्रिंट होकर डॉक्यूमेंट्स उनके हाथ में थे, और वह अभी भी इंटरव्यू की लाइन में ही खड़ी थीं.

वीजा भी हुआ अप्रूव

डॉक्यूमेंट्स मिलने के बाद गौरी ने बिना किसी परेशानी के अपना इंटरव्यू दिया. बाद में उनका वीजा अप्रूव और स्टैंप भी हो गया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'मेरे पैनिक मोमेंट को सच में सेव कर लिया. वीजा अप्रूव और स्टैंप हो गया. ऐसे मौकों पर भारत की सर्विसेज एक प्रिविलेज जैसी लगती हैं.

लोगों की प्रतिक्रिया

गौरी की पोस्ट वायरल होते ही लोग भारत के क्विक कॉमर्स सिस्टम की जमकर तारीफ करने लगे. एक यूज़र ने लिखा, भारत में क्विक कॉमर्स सबसे बेहतरीन इनोवेशन में से एक है. दूसरे ने कहा, काश अमेरिका में भी इतनी तेज़ और सस्ती सर्विस होती. एक अन्य यूज़र ने बताया कि उसने दूसरे शहर से रहते हुए अपने पिता के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स क्लिनिक में मंगवाए थे.

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भारत का क्विक कॉमर्स क्यों है खास?

10–15 मिनट में डिलीवरी को लेकर भले ही बहस होती हो, लेकिन ऐसे रियल-लाइफ उदाहरण यह साबित करते हैं कि भारत का क्विक कॉमर्स सिस्टम न सिर्फ तेज़ है, बल्कि कई बार लाइफसेवर भी बन जाता है. यह घटना सिर्फ एक महिला के वीजा इंटरव्यू की नहीं, बल्कि भारत के टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम की ताकत को दिखाती है. Blinkit जैसी सर्विसेज आज सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि मुश्किल वक्त में भरोसेमंद समाधान बन चुकी हैं.

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