गवारा नहीं...मुंबई में बिलबोर्ड गिरने पर आनंद महिंद्रा का कड़ा रुख, पोस्ट शेयर कही ये बात

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में उद्योगपति महिंद्रा ने इस घटना को ''अस्वीकार्य'' बताया. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए सवाल उठाया कि ''आधुनिक महानगर'' बनने की कोशिश कर रहे शहर में ऐसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं?

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आनंद महिंद्रा ने बिलबोर्ड हादसे पर दी तीखी प्रतिक्रिया

मुंबई में बिलबोर्ड गिरने से 14 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की घटना पर लोगों का गुस्सा थमता नहीं दिख रहा. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी मंगलवार को मुंबई में होर्डिंग गिरने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में उद्योगपति महिंद्रा ने इस घटना को ''अस्वीकार्य'' बताया. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए सवाल उठाया कि ''आधुनिक महानगर'' बनने की कोशिश कर रहे शहर में ऐसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं?

'हमें कड़े नियमों का पालन करना होगा'

आनंद महिंद्रा ने सार्वजनिक जगहों पर लोगों की सुरक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियमों की जरूरत पर भी जोर डाला. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ''14 की मौत. ओम शांति. बिलबोर्ड गिरने से 60 लोग घायल. गवारा नहीं. ये एक ऐसा शहर है जो खुद को एक आधुनिक महानगर में बदलने की कोशिश कर रहा है. सीएम @mieknathshinde ने सभी होर्डिंग्स की जांच के आदेश दिए हैं. हमें कड़े नियमों का पालन करना होगा.''

यहां देखें ट्वीट

Advertisement

मुंबई के घाटकोपर में 100 फुट का बिलबोर्ड गिरा

गौरतलब है कि मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक फ्यूल स्टेशन के सामने लगा 100 फुट का बिलबोर्ड भीषण तूफान के दौरान ढह गया था. इलाके के सीसीटीवी फुटेज में जमीन पर गिरने से पहले मेटल का बिलबोर्ड कई कारों की छतों को फाड़ते हुए दिख रहा है. इस हादसे के बाद राहत और बचाव अभियान फिलहाल जारी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना स्थल का दौरा किया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार शहर में सभी होर्डिंग्स का सिक्योरिटी ऑडिट कराएगी. उन्होंने होर्डिंग गिरने से मारे गए हर एक शख्स के परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की.

Advertisement

यूजर्स के बीच छिड़ी नई बहस

इस बीच, आनंद महिंद्रा का ट्वीट वायरल हो गया है. इस पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. कुछ यूजर्स ने कहा कि, 'कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए.' वहीं, कई यूजर्स ने कहा कि, 'घटना की जांच की मांग महज एक प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई थी.' एक यूजर ने लिखा, 'हम ऐसी घटना और कुछ लोगों की जान गंवाने के बाद ही क्यों सीखते हैं, सरकार पहले से कार्रवाई क्यों नहीं करती? रोड पाथ होल के मामलों में भी ऐसा ही होता है.'

Advertisement

सबसे बड़े बिलबोर्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

दूसरे यूजर ने कमेंट किया, 'आपसे पूरी तरह सहमत हूं, सभी निर्माण कार्यों में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. आइए सख्त नियमों की उम्मीद करें.' तीसरे यूजर ने लिखा, 'यह अजीब है कि जब इस बिलबोर्ड को पिछले साल भारत में सबसे बड़े बिलबोर्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था, तब बीएमसी ने इसकी अवैध हालत का कोई संज्ञान नहीं लिया.'

Advertisement

'हम जल्द ही इस घटना के बारे में भूल जाएंगे'

चौथे ने यूजर ने कमेंट में तंज कसते हुए लिखा, 'मृतकों के परिवारों को मानव जीवन की कीमत के रूप में, महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहले ही घोषित 5 लाख रुपये मिलेंगे और हम जल्द ही इस घटना के बारे में भूल जाएंगे.' वहीं, पांचवे यूजर ने लिखा, 'सभी होर्डिंग्स की जांच का आदेश देना गुस्से में की गई एक प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई है, नहीं तो यह त्रासदी से पहले किया जा सकता था.'

ये Video भी देखें: मेहनत और सफलता की कहानी, पिता बेचते हैं गोलगप्पे, बेटी ने 10वीं में किया टॉप #10thResults

Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर ही दागकर रूस ने की नई मिसाइल टेस्टिंग | Vladimir Putin | NDTV India