हाल के एक अध्ययन के मुताबिक अमेरिका की 7 प्रतिशत से भी कम वयस्क आबादी का कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य अच्छा है. निस्संदेह ही यह अमेरिका के लिए एक जबरदस्त संकट है जिसके समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है. टफ्ट्स विश्वविद्यालय में फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी के शोधकर्ताओं के एक समूह ने कार्डियोमेटाबोलिक हेल्थ ट्रेंड और असमानताओं पर एक नया परिप्रेक्ष्य खोजा है. अध्ययन के निष्कर्ष को जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.
शोधकर्ताओं ने पांच घटकों के तहत अमेरिकियों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन किया: रक्तचाप का स्तर, व्लड शूगर, कोलेस्ट्रॉल, वसा (अधिक वजन और मोटापा), और व्यक्ति में कोई हृदय रोग (दिल का दौरा, स्ट्रोक, आदि) है या नहीं.
उन्होंने पाया कि 2017-2018 तक केवल 6.8 प्रतिशत अमेरिकी वयस्कों के पास सभी पांच घटकों का इष्टतम स्तर था. इन पांच घटकों में से, 1999 और 2018 के बीच के रुझान में वसा और ब्लड ग्लूकोज का स्तर काफी खराब हो गया था. 1999 में, 3 वयस्कों में से 1 में वसा का इष्टतम स्तर था (कोई अधिक वजन या मोटापा नहीं); 2018 तक यह संख्या घटकर 4 में से 1 रह गई. इसी तरह, 1999 में 5 में से 3 वयस्कों को डायबिटिज या प्रीडायबिटीज नहीं थी, जबकि 2018 में 10 में से 4 वयस्क ही इन बिमारियों से मुक्त थे.
फ्राइडमैन स्कूल में डॉक्टरेट के उम्मीदवार औऱ इस शोध के प्रमुख लेखक मेघन ओ'हर्न ने कहा, "ये संख्या काफी चौंकाने वाली हैं. यह काफी परेशान करने वाला तथ्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में, जो दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक है, 15 में कम से कम 1 वयस्क के पास इष्टतम कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य है."
मेघन ओ'हर्न ने कहा,"हमें अपनी हेल्थकेयर सिस्टम, खाद्य प्रणाली और पर्यावरण को पूरी तरह से सिरे से देखने की जरूरत है क्योंकि यह सभी के लिए एक संकट है न कि केवल आबादी के एक हिस्से के लिए."
शोध दल ने केवल बीमारी की उपस्थिति या अनुपस्थिति के बजाय कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य और उसके घटकों के इष्टतम, मध्यवर्ती और खराब स्तरों पर ध्यान केंद्रित किया.
"हमें बातचीत को बदलना होगा क्योंकि यहां सिर्फ बीमारी ही एकमात्र समस्या नहीं है. हम केवल बीमारी से मुक्त नहीं होना चाहते हैं बल्कि हम इष्टतम स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त करना चाहते हैं."मेघन ओ'हर्न ने कहा.
शोधकर्ताओं ने विभिन्न लिंगों, उम्र, नस्ल और जातीयता और शिक्षा के आधार पर लोगों के बीच बड़ी स्वास्थ्य असमानताओं की भी पहचान की.