75 साल पहले बेंगलुरु में इस जगह स्वर्ग था, 1950 की इस वायरल तस्वीर ने खींचा लोगों का ध्यान, आप भी देखें फोटो

आईटी हब बेंगलुरु की एक 75 साल पुरानी तस्वीर ने लोगों को चौंका दिया है. इस तस्वीर में लोगों को स्वर्ग दिख रहा है.  

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75 साल पहले बेंगलुरु में इस जगह था स्वर्ग

देश के आईटी हब बेंगलुरु के विकास, हैवी ट्रैफिक और हाई रूम/पीजी रेंट को लेकर सोशल मीडिया पर आए दिन बहस छिड़ती रहती है. कुछ लोग बेंगलुरु के हैवी ट्रैफिक की आलोचना करते हैं तो कुछ यहां के शहरीकरण की खूबियां बताते हैं. बेंगलुरु देश का आईटी हब ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस का बड़ा अखाड़ा भी बन गया है. बेंगलुरु की तरक्की कुछ लोगों को पच रही है तो कुछ को नहीं. इस बीच बेंगलुरु शहर की एक खूबसूरत तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. यह तस्वीर आज से 75 साल पुरानी है. इस तस्वीर को देखने के बाद बेंगलुरु की आलोचना करने वालों के मुंह बंद होने वाले हैं. बेंगलुरु शहर को स्वर्ग बताने वाली यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.

75 साल पहले ऐसा दिखता था बेंगलुरु (Bengaluru 1950 Photo Impresses)
इस तस्वीर को एक्स हैंडल पर शेयर किया गया है, जिसमें लाइट से रोशन होती हुई बेंगलुरु शहर की खूबसूरत गलियां और उसमें लाइन से खड़ी विंटेज कार नजर आ रही हैं. इस पोस्ट को शेयर कर लिखा गया है, '1950, बेंगलुरु के एमजी रोड पर कार पार्किंग'. इस तस्वीर पर अब तक 22 हजार से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं. इस तस्वीर को देखने के बाद यकीनन बेंगलुरु की बुराई करने वालों का मुंह जरूर बंद हो गया है. वहीं, एक भी रेडिट पोस्ट में पटना के एक शख्स ने कहा कि अगर बेंगलुरु में आईटी हब ना तो वह बिहार, जैसा पिछड़ा हुआ राज्य होगा. इस शख्स की इस बात पर यह तस्वीर पूरी तरह से उसका मुंह बंद करने का काम करती है.
 

1950 की तस्वीर पर लोगों के रिएक्शन (Bengaluru in 1950 Photo Viral)

बेंगलुरु शहर के 1950 में भी इतने विकसित पर एक यूजर ने लिखा है, 'बेंगलुरु जरूर उस वक्त स्वर्ग रहा होगा'. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो इस बात से सहमत नहीं हैं. एक यूजर ने शहर की आर्थिक प्रगति पर सवाल करते हुए कहा, 'मैं खुद भी आलोचक हूं, लेकिन अब समय बहुत बेहतर है, उस समय 75 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जबकि आज लगभग हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है'. कुछ लोगों ने बेंगलुरु के शहरीकरण के प्रभाव पर दुख जताया, खास तौर पर एमजी रोड पर मेट्रो प्रोजेक्ट पर. एक यूजर ने कमेंट किया, 'फिर सरकार ने इसके बीच में मेट्रो लाइन बनाने और इसकी सुंदरता को नष्ट करने का फैसला किया'. इसी तरह के एक अन्य उदाहरण में, 1994 में बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस टर्मिनल की सुबह 9:05 बजे की एक और पुरानी तस्वीर सामने आई है, जो जनवरी 2025 में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं, जो बेंगलुरु में रहते हैं और यहां होने के फायदे गिना रहे हैं.

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