Xi Jinping और Putin की मुलाकात में US से 'मिलकर मुकाबला' करने की ऐसे हो रही तैयारी

इस समय शी चिनफिंग (Xi Jinping) और पुतिन (Putin) दोनों के लिए बड़ी चीज़ें दांव पर हैं. दोनों नेताओं ने कहा था कि रूस चीन (Russia-China) की दोस्ती की "कोई सीमा नहीं" है. रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला बोला था इसके कुछ हफ्ते पहले ही यह बयान आया था.  

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चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की होगी द्विपक्षीय बैठक (File Photo)

चीन (China) के राष्ट्रपति (President) जब लगभग 1000 दिन में पहली बार देश से बाहर की यात्रा करने वाले हैं तब चीन खुद को अमेरिकी के नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था में खुद को अलग-थलग पा रहे हैं. वो एक विकल्प के तौर पर आखिरकार व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) को देख रहे हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, यूक्रेन में रूस के आक्रमण (Russia Ukraine War) के बाद शी चिनफिंग और पुतिन गुरुवार को  पहली बार आमने सामने मुलाकात करेंगे. रूसी संसद के अनुसार बीजिंग रूस के साथ संबंधों को अहम मानता है क्योंकि यह चीन के लिए अमेरिका के सामने खड़े होने के लिए ज़रूरी है. रूस और चीन के बीच की यह बैठक उजबेकिस्तान में होने वाली एससीओ बैठक की साइडलाइन पर होगी.  इस बैठक में भारत और ईरान जैसे देश शामिल होंगे. यह समूह बहुध्रुवीय दुनिया की बुनावट को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है.  

इस बैठक से पहले शी बुधवार को कजाकिस्तान में रुकेंगे जो करीब 9 साल पहले चीन की,  बेल्ड एंड रोड ट्रेड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर  (Belt-and-Road trade-and-infrastructure) योजना का अहम हिस्सा बन गया था.  चीन की यह विदेश नीति तब से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के निशाने पर है. अब कम आय वाले देशों में चीनी वित्तपोषण का विकल्प देने के लिए  $600 बिलियन देने की तैयारी की जा रही है. 

कजाकिस्तान और उज़बेकिस्तान दोनों ही जगह पर शी का रुकना उनकी नीति को मजबूत करेगा जहां चीन, अमेरिका की ओर से वित्तीय या सैन्य दबाव के खतरे के बगैर अपने हितों का विस्तार कर सकेगा.  चीनी नेता शी जिनपिंग अगले महीने होने कम्युनिस्ट पार्टी की बड़ी बैठक में इस एजेंडे का फायदा उठा सकेंगे. यह बैठक दो दशकों में एक बार होती है.  इस बैठक में शी चिनफिंग, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता के तौर पर तीसरी पारी का खेलने का मौका तलाश रहे हैं.    

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इस समय शी चिनफिंग और पुतिन दोनों के लिए बड़ी चीज़ें दांव पर हैं. दोनों नेताओं ने कहा था कि उनकी दोस्ती की "कोई सीमा नहीं" है. रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला बोला था इसके कुछ हफ्ते पहले ही यह बयान आया था.  हाल ही के दिनों में पुतिन ने यूक्रेन को रूसी सेना को पीछे धकेल कर बड़ी ज़मीन पर दोबारा कब्जा जमाते देखा है. जबकि, शी ताइवान को लेकर सख्त दबाव में हैं जिससे ताइवान को अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ करीबी संबंध बनाने से रोका जा सके.   

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