अमीर या गरीब? कौन करता है दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन, स्टडी में खुलासा

मैक्स लॉसन ने कहा, "आप जितने अमीर होंगे, आपके लिए पर्सनल और निवेश उत्सर्जन दोनों में कटौती करना उतना ही आसान होगा." "आपको तीसरी कार, या चौथी छुट्टी की ज़रूरत नहीं है, या आपको सीमेंट उद्योग में निवेश करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

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कहां से होता है सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

अमीर या गरीब, दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions )  कौन करता है, यह खुलासा एक स्टडी में हुआ है.नॉन-प्रोफिट ऑक्सफैम इंटरनेशनल फर्म द्वारा रविवार को प्रकाशित एक विश्लेषण के मुताबिक, वैश्विक आबादी का सबसे अमीर एक प्रतिशत हिस्सा उतनी ही मात्रा में कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है, जितना दुनिया के सबसे गरीब दो-तिहाई या पांच अरब लोग. रिपोर्ट के को-ऑथर मैक्स लॉसन ने एएफपी को बताया कि जलवायु संकट से लड़ना एक साझा चुनौती है, लेकिन हर कोई समान रूप से जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों को उसी के मुताबिक तैयार किया जाना चाहिए.

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'अमीरों के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती आसान'

मैक्स लॉसन ने कहा, "आप जितने अमीर होंगे, आपके पर्सनल और निवेश उत्सर्जन दोनों में कटौती करना उतना ही आसान होगा." "आपको तीसरी कार, या चौथी छुट्टी की ज़रूरत नहीं है, या आपको सीमेंट उद्योग में निवेश करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी. क्लाइमेट इक्वेलिटी: 99% के लिए एक ग्रह", स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान (एसईआई) द्वारा संकलित स्टडी पर आधारित था और इसने साल 2019 तक विभिन्न इनकम ग्रुप से जुड़े उत्सर्जन की जांच की.

कौन करता है सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन

इस स्टडी को तब  तब प्रकाशित किया गया जब वैश्विक नेता इस महीने के अंत में दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन में जलवायु वार्ता में जुटने जा रहे हैं. ऐसी आशंकाएं गहरा रही हैं कि दीर्घकालिक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना जल्द ही असंभव हो सकता है. इस स्टडी के प्रमुख निष्कर्षों में यह है कि वैश्विक स्तर पर सबसे अमीर एक प्रतिशत - 77 मिलियन लोग - अपने उपभोग से संबंधित 16 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार थे. यह इनकम के हिसाब से वैश्विक आबादी के निचले 66 प्रतिशत या 5.11 अरब लोगों के समान हिस्सा है.

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फ्रांस में गरीबों से ज्यादा अमीर कर रहे कार्बन उत्सर्जन

वर्ल्ड टॉप एक प्रतिशत में शामिल होने के लिए इनकम सीमा को क्रय शक्ति समानता का उपयोग करके देश द्वारा समायोजित किया गया था. उदाहरण के लिए अमेरिका में सीमा 140,000 डॉलर होगी, जबकि केन्या में लगभग 40,000 डॉलर होगी. देश के भीतर किए गए एनालिसिस भी बहुत ही क्लियर रूप से बताए गए हैं. उदाहरण के लिए, फ्रांस में, सबसे अमीर एक प्रतिशत लोग एक साल में उतना ही कार्बन उत्सर्जित करते हैं, जितना सबसे गरीब 50 प्रतिशत 10 सालों में करते हैं. अपने निवेश से जुड़े कार्बन को छोड़कर,  फ्रांस के सबसे अमीर आदमी  लुई वुइटन के अरबपति संस्थापक बर्नार्ड अरनॉल्ट का कार्वन उत्सर्जन औसत फ्रांसीसी व्यक्ति की तुलना में 1,270 गुना अधिक है. 

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मैक्स लॉसन ने कहा," हमारा मानना ​​है कि जब तक सरकारें ऐसी जलवायु नीति नहीं बनातीं जो प्रगतिशील हो, जहां आप देखेंगे कि सबसे अधिक उत्सर्जन करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा बलिदान देने के लिए कहा जाता है. उदाहरण के लिए एक साल में 10 बार से ज्यादा हवाई यात्रा करने पर टैक्स और नॉन-ग्रीन इनवेस्टमेंट पर टैक्स ग्रीन इनवेस्टमेंट से ज्यादा है. 

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जलवायु समानता पर ऑक्सफैम स्टडी

जबकि वर्तमान रिपोर्ट सिर्फ व्यक्तिगत खपत से जुड़े कार्बन पर केंद्रित है. रिपोर्ट में पाया गया है, "सुपर-रिच की पर्सनल खपत कंपनियों में उनके निवेश के परिणामस्वरूप उत्सर्जन से कम है." अमीरों ने किसी अन्य निवेश की तरह प्रदूषणकारी उद्योगों में निवेश नहीं किया है.- पिछली ऑक्सफैम स्टडी से पता चला है कि मानक और गरीब 500 के औसत की तुलना में अरबपतियों को प्रदूषणकारी उद्योगों में निवेश करने की संभावना दोगुनी है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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