वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाली बैठक टाल दी गई है. कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच यह फैसला लिया गया है. फोरम ने एक बयान में कहा कि महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच यात्रा और आवाजाही पर बढ़ती पाबंदियों के कारण यह फैसला लेना पड़ रहा है. इस कारण दुनिया भर के लोगों का यह एक साथ उपस्थित हो पाना मुश्किल लग रहा है.
बता दें कि इस शिखर सम्मेलन में आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों और कॉर्पोरेट नेताओं की एक वार्षिक बैठक 17 और 21 जनवरी के बीच होने वाली थी. अब इसे गर्मियों की शुरुआत में कराने की योजना बनाई गई है. यह लगातार दूसरा वर्ष है जब दावोस शिखर सम्मेलन को कोविड के चलते टाल दिया गया है. पिछले साल फरवरी में WEF ने कहा था कि इसे कई महीनों के लिए टाला गया है.
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फोरम ने कहा कि बैठक के कड़े स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के बावजूद ओमिक्रॉन के फैलाव और बढ़ते प्रभाव के चलते बैठक को स्थगित करना जरूरी था. बैठक में शामिल सभी लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा हमेशा फोरम की प्राथमिकता रही है. इसके बजाय प्रतिभागी 'स्टेट ऑफ द वर्ल्ड' सत्रों में शामिल होंगे, जो वैश्विक नेताओं को ऑनलाइन के जरिए एक साथ लाकर दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
गौरतलब है कि पिछले महीने पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट ब्रिटेन, यूरोप और भारत सहित कई देशों में खतरनाक रूप से फैल गया है. व्यापक रूप से माना जाता है कि यह वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में काफी अधिक संक्रामक है, जिसने दुनिया भर में कहर बरपाया है. साथ ही साथ इससे वैक्सीन का असर भी कम होने के आसार हैं.
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यूरोपीय देशों ने विशेष रूप से क्रिसमस की छुट्टियों के मौसम से पहले आवाजाही और खरीदारी पर प्रतिबंध की घोषणा की है. डच प्रधानमंत्री मार्क रूट ने पिछले हफ्ते लॉकडाउन की घोषणा की है. वहीं माना जा रहा है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी इसी तरह के सख्त उपायों पर विचार कर रहे हैं.
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