- डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिसमस के दिन नाइजीरिया में इस्लामिक स्टेट आतंकियों के खिलाफ शक्तिशाली हवाई हमला किया
- यह हमला नाइजीरिया सरकार के सहयोग से किया गया और मुख्य रूप से ईसाइयों के उत्पीड़न को वजह बताया गया
- नाइजीरिया की आबादी में मुसलमान 56.1 प्रतिशत और ईसाई 43.4 प्रतिशत हैं, दोनों आबादी तेजी से बढ़ रही है
जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति का कार्यकाल संभाला है, अमेरिकी सेना शांत नहीं बैठी है. हर दूसरे दिन ट्रंप किसी न किसी देश में अपने वॉर प्लेन को भेज दे रहे हैं. अब राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार, 25 दिसंबर को कहा कि अमेरिका ने नाइजीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के खिलाफ "शक्तिशाली और घातक" हमला किया है. ट्रंप का दावा है कि क्रिसमस के दिन यह हवाई हमला इसलिए किया गया है क्योंकि यह आतंकी नाइजीरिया में ईसाइयों का उत्पीड़न कर रहे थे, उन्हें मौत के घाट उतार रहे थे.
खास बात यह थी कि यह हमला नाइजीरिया की सरकार के साथ कॉर्डिनेशन में किया गया है. ट्रंप ने X पर लिखा, "आज रात, कमांडर इन चीफ के रूप में मेरे निर्देश पर, अमेरिका ने उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में ISIS आतंकवादी गिरोह के खिलाफ एक शक्तिशाली और घातक हमला किया. ये आतंकी कई वर्षों और यहां तक कि सदियों से नहीं देखे गए स्तर पर, मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को निशाना बना रहे हैं और क्रूर तरीके से मार रहे हैं!"
नाइजीरिया की आबादी को समझिए
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 तक, नाइजीरिया की कुल आबादी में मुसलमानों की संख्या बहुसंख्यक (56.1%) थी, जबकि ईसाइयों की संख्या 43.4% थी. अन्य सभी धर्म के लोग राष्ट्रीय जनसंख्या में 0.6% हैं. नाइजीरिया में मुस्लिम और ईसाई दोनों आबादी तेजी से बढ़ रही है. 2010 से 2020 तक, नाइजीरिया की मुस्लिम आबादी 32% बढ़कर 120 मिलियन हो गई और इसकी ईसाई आबादी 25% बढ़कर 93 मिलियन हो गई.
नाइजीरिया की सरकार का क्या कहना है?
नाइजीरिया की सरकार ने पहले ट्रंप द्वारा की गई आलोचनाओं के जवाब में कहा था कि केवल ईसाई ही नहीं, बल्कि कई धर्मों के लोगों को ISIS जैसे कट्टरपंथी समूहों के हाथों हमलों का सामना करना पड़ा है. देश को लंबे समय से बोको हराम चरमपंथी समूह सहित विभिन्न मोर्चों से असुरक्षा का सामना करना पड़ा है, जो इस्लामी कानून की अपना कट्टरपंथी शासन स्थापित करना चाहता है और उसने उन मुसलमानों को भी निशाना बनाया है जिन्हें वह सच्चा मुस्लिम नहीं मानता है.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार नाइजीरिया में हमलों के अक्सर अलग-अलग उद्देश्य होते हैं. धार्मिक रूप से प्रेरित आतंकी समूह ईसाइयों और मुसलमानों दोनों को निशाना बना रहे हैं, घटते संसाधनों को लेकर किसानों और चरवाहों के बीच झड़पें, सांप्रदायिक प्रतिद्वंद्विता, अलगाववादी समूह और जातीय झड़पें हो रही हैं.
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