शेख हसीना जिस मुल्क की सत्ता पिछले 15 सालों से संभाल रही थीं, अचानक वो दिन आया, जब उन्हें सिर्फ सत्ता ही नहीं वो मुल्क भी छोड़ना पड़ा. इस बीच सवाल एक ही है कि बांग्लादेश में तख्तापलट (Bangladesh Crisis) के पीछे आखिर है कौन. वो कौन है, जिसने शेख हसीना के तख्तापलट की पूरी पटकथा लिख दी. इसके पीछे सिर्फ छात्र आंदोलन तो वजह नहीं, बल्कि बाहरी शक्तियों का हाथ मालूम होता है, ये इशारा शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बेटे सजीब वाजेद ने भी दिया है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इसके पीछे पाकिस्तान जैसी ताकतें हैं.
ये भी पढ़ें-बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों का क्या हाल, पढ़ें कल से लेकर आज तक के टॉप 10 अपडेट्स
तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की क्या भूमिका?
बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से उग्र हो रहे छात्र आंदोलन के पीछे कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी का हाथ माना जा रहा है. इसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISIS का करीबी माना जाता है. वहीं हसीना के सत्ता छोड़ते ही विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई के भी आदेश दे दिए गए. खालिदा का झुकाव भी चीन और पाकिस्तान की तरफ माना जाता है. उनकी पार्टी BNP जमात-ए-इस्लामी की सहयोगी है. तो ऐसे उनकी रिहाई बांग्लादेश का वर्तमान और भविष्य दोंनों ही बयां कर रही है. बांग्लादेश की नई सरकार का झुकाव किस तरफ होगा, इसका अंदाजा लगा पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है. इस तरह से तख्तापलट में पाकिस्तान की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं अमेरिका की भी भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
बांग्लादेश तख्तापलट के पीछे अमेरिका?
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी उनकी मां की सत्ता जाने और देश छोड़ने के पीछे बाहरी शक्तियों का हाथ होने की बात कही है. उनका शक पाकिस्तान के साथ ही अमेरिका पर भी है. सजीब ने इस ओर इशारा किया कि पाकिस्तान की तरह ही अमेरिका भी बांग्लादेश में मजबूत सरकार नहीं चाहता, उसकी इच्छा बांग्लादेश की सरकार को कमजोर करने की है. एक ऐसी सरकार, जिस पर उनका नियंत्रण हो. वह शेख हसीना सरकार को कंट्रोल नहीं कर सके.
वो 'व्हाइट मैन' कौन है?
वहीं शेख हसीना ने भी 2 महीने पहले किसी व्हाइट मैन के ऑफर का जिक्र एक मीटिंग के दौरान किया था. मई महीने में उन्होंने कहा था कि एक विदेशी देश ने उनको ऑफिर दिया है कि अगर वह बांग्लादेश में उनका एयरबेस बनने देंगी तो उनकी चुनावों में वापसी आसानी से करवा दी जाएगी. उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा था कि अगर वह खास देश को एरसबेस बनाने देती हैं, तो उनको कोई भी परेशानी नहीं होगी. उन्होंने इस ऑफर को देने के लिए किसी व्हाइट मैन का जिक्र किया था. जब उनसे इस व्हाइट मैन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि वह कह चुकी हैं कि अपने देश के किसी भी हिस्से को किसी और को सौंपकर सत्ता में वापसी नहीं करना चाहती हैं.
हसीना ने ये भी दावा किया था कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को हटाकर वहां पर ईसाई देश बनाने की भी साजिश रची जा रही है. उन्होंने इस दौरान ईस्ट तिमोर का भी जिक्र किया था. यह इलाका साल 2002 में भी स्वतंत्र हुआ है. यहां पर अमेरिका की अच्छी मौजूदगी मानी जाती है.
शेख हसीना के बेटे को किस पर शक?
अब शेख हसीना के बेटे सजीब बाजेव ने भी अमेरिका पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि तख्तापलट के पीछे उनको पाकिस्तान और अमेरिका पर शक है.उनका कहना है कि पाकिस्तान तो कभी नहीं चाहता कि बांग्लादेश में मजबूत सरकार हो. इस तरह से उनकी मंशा भारत को परेशान करने की है. वहीं अमेरिका का भी वही हाल है.
रॉ के एक पूर्व अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी वैश्विक व्यापार की रणनीति के लिहाज से बहुत अहम है. अमेरिका यहां पर मौजूदगी की कोशिश कर रहा था. जिससे वह चीन के खिलाफ अपनी मौजूदगी को मजबूत कर सके. लेकिन शेख हसीना इसके आड़े आ रही थीं. इसे भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है.