कौन हैं डॉ. यूनुस? जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने के लिए हुए राजी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र आंदोलन के प्रमुख कोऑर्डिनेटर में से एक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उन्होंने पहले ही डॉ. मोहम्मद यूनुस (Dr Yunus) से बात की है. देश के मौजूदा हालात देखते हुए वह अंतरिम सरकार के सलाहकार बनने के लिए राजी हो गए हैं.

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डॉ यूनुस होंगे बांग्लादेश की नई सरकार के सलाहकार.
दिल्ली:

बांग्लादेश में इन दिनों भीषण हिंसा की आग में झुलस रहा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर देश छोड़कर भारत जा चुकी हैं. इस बीच बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मौजूदा संसद को भंग करने का ऐलान कर दिया है. अब देश में जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन होगा. कहा जा रहा है कि नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस (Nobel Winner Dr Yunus) अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे. अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नामों के प्रस्ताव भी साझा किए जाएंगे. ये दावा भेदभाव विरोधी छात्र समूह ने एक वीडियो जारी कर किया है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र आंदोलन के प्रमुख कोऑर्डिनेटर में से एक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उन्होंने पहले ही डॉ. मोहम्मद यूनुस से बात की है. देश के मौजूदा हालात देखते हुए वह अंतरिम सरकार के सलाहकार बनने के लिए राजी हो गए हैं. बता दें कि डॉ. यूनुस हमेशा ही शेख हसीना सरकार के खिलाफ रहे हैं. 

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अंतरिम सरकार के सलाहकार होंगे डॉ. यूनुस

अब यूनुस की बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार बनने की चर्चा जोरों पर है. एक सूत्र ने डॉ. यूनुस के हवाले से कहा, "जब छात्रों ने मुझसे संपर्क किया, तो मैं पहले सहमत नहीं हुआ. मैंने उनसे कहा कि मेरे पास बहुत काम है. लेकिन छात्रों ने मुझसे बार-बार अपील की."

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डॉ. यूनुस ने कहा कि एक छात्र ने तर्क दिया, "इस आंदोलन में कई लोगों की जान चली गई और कई छात्र और आम लोग मारे गए. अब बांग्लादेश के पास देश को सही तरीके से चलाने का मौका आया है. और यह तभी संभव है जब आप जिम्मेदारी लेंगे. वरना यह हममें से किसी के लिए अच्छा नहीं होगा, इसलिए हम आपसे जिम्मेदारी लेने की अपील कर रहे हैं." यूनुस ने कहा कि अगर छात्र इतना त्याग कर सकते हैं और देश के लोग इतना त्याग कर सकते हैं, तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी है. फिर मैं जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हो गया."

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कौन हैं डॉ. यूनुस?

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून, 1940 को हुआ था. वह एक एक अर्थशास्त्री, सामाजिक उद्यमी, बैंकर हैं. उन्होंने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की, ये बैंक बांग्लादेश में गरीबों को छोटे कर्ज देता था. बांग्लादेश को उसके ग्रामीण बैंक के जरिए माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनिया ने खूब सराहा. डॉ. यूनुस की इसी कोशिश से बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोगों का जीवनस्तर ऊपर उठ सका. 

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डॉ. यूनुस नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. गरीबों को बेहतर जिंदगी मिले, इसके लिए उनकी कोशिशें काबिले तारीफ हैं. उन्होंने गरीबों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी प्रयोग किया. जिसकी वजह से ही बांग्लादेश को लघु लोन का केंद्र होने की पहचान मिल सकी. उनको साल 2006 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. यह पुरस्कार उनको ग्रामीण बैंक के जरिए गरीबी उन्मूलन चलाने के लिए दिया गया था. वह दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बने. उनके इस तरीके को और महाद्वीपों ने भी फॉलो किया. यूनुस का हसीना सरकार के साथ विवाद भी रह चुका है. साल 2008 में जब शेख हसीना सत्ता में आईं तो यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू कर दी गईं. साल 2011 में सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में उनको वैधानिक ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया था.

फिलहाल कहां हैं डॉ. यूनुस?

डॉ. यूनुस इन दिनों विदेश में हैं. वह ओलंपिक समिति के निमंत्रण पर मुख्य गेस्ट के रूप में पेरिस गए थे. लेकिन फिलहाल वह अपने इलाज के लिए विदेश में हैं. उनके जल्द से जल्द बांग्लादेश लौटने की उम्मीद जताई जा रही है.

डॉ. यूनुस शेख हसीना के विरोधी

डॉ. यूनुस बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरोधी रहे हैं. उन्होंने देश में हो रहे छात्र आंदोलन को जायज ठहराया और शेख हसीना पर अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत पर नष्ट करने का आरोप लगाया. उन्होंने देश में हो रही तोड़-फोड़ और हिंसा को शेख हसीना के खिलाफ लोगों का गुस्सा करार दिया. 

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