क्या है चीन का 'सॉल्ट टाइफून', जिसने डोनाल्ड ट्रम्प सहित कई अमेरिकी नेताओं को बनाया निशाना

अमेरिकी अधिकारी अभी भी सॉल्ट टाइफून  के हमले में हुए डेटा के नुकसान या चोरी को लेकर पूरी तरह से कुछ भी कहने के हालत में नहीं हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

चीनी हैकरों ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Former President Donald Trump) और उनके सहयोगी जेडी वेंस सहित अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के कई इंटरनेट प्रोफाइल पर अटैक किया है. कथित तौर पर यह हमला चीन के साइबर जासूसी समूह द्वारा किया गया था जिसे 'साल्ट टाइफून' के नाम से जाना जाता है.  न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट  के अनुसार, समूह ने दूरसंचार नेटवर्क में घुसपैठ की और वेरिज़ोन सहित प्रमुख सेवा प्रदाताओं के महत्वपूर्ण डेटा तक एक्सिस प्राप्त कर लिया था. 

'साल्ट टाइफून' को क्या मिला कुछ डेटा?
रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका में 'साल्ट टाइफून' के निशाने पर न केवल ट्रम्प थे बल्कि डेमोक्रेटिक पार्टी की  कमला हैरिस और उनके साथी टिम वाल्ज़ भी इसके शिकार बने. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि हैकर्स क्या कुछ खुफिया जानकारी निकालने में सफल रहे या नहीं? अमेरिकी एजेंसी इस मामले की अब जांच कर रही है. 

अमेरिकी अधिकारी अभी भी सॉल्ट टाइफून  के हमले में हुए डेटा के नुकसान या चोरी को लेकर पूरी तरह से कुछ भी कहने के हालत में नहीं हैं.  फबीआई और साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सीआईएसए) ने खतरे की गंभीरता को स्वीकार करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है. जिसमें पुष्टि की गई कि अमेरिकी सरकारी एजेंसियां ​​​​पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से जुड़े कुछ हैकर्स के द्वारा निशाना बनाया गया था. 

क्या है साल्ट टाइफून? 
साल्ट टाइफ़ून, चीनी सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक साइबर जासूसी अभियान है. इसे घोस्ट एम्परर, फ़ेमस स्पैरो, या यूएनसी 2286 के नाम से भी जाना जाता है. यह मुख्य तौर पर  उत्तरी अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में अपने टारगेट को निशाना बनाता रहा है.  साल्ट टाइफ़ून समूह साल 2020 से सक्रिय है और कई बार इसके द्वारा डेटा हैक किए गए हैं. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि  यह समूह चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा हो सकता है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. 

ये भी पढ़ें-:

Delhi Pollution : बिगड़ते जा रही हवा, आनंद विहार का AQI पहुंचा 400 के पार, सांस लेना हुआ दूभर

Featured Video Of The Day
Artificial Intelligence: क्या परमाणु बम और महामारी जैसा ख़तरनाक हो सकता है AI? | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article