संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के नेता अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है. मक्की को अमेरिका पहले ही आतंकी घोषित (Global Terrorist) कर दिया है. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी उसे ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल दिया. बता दें कि मक्की पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद (Hafiz Saeed) का बहनोई (बहन का पति) है. लंबे समय से इस पाकिस्तानी आतंकवादी का चीन समर्थन करता रहा है, लेकिन ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाले जाने के बाद चीन ने अपना रुख बदल लिया है.
चीन ने मंगलवार को पाकिस्तान स्थित शीर्ष लश्कर-ए-तैयबा के नेता अब्दुल रहमान मक्की के लिए कहा कि आतंकवादियों की सूची वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने के लिए अनुकूल है. चीन ने आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन करने के लिए इस्लामाबाद की प्रशंसा भी की.
भारत और अमेरिका में पहले ही मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है. भारत बीते साल यूएन में एक प्रस्ताव भी लाया था, जिससे मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सके, लेकिन चीन ने हमेशा की तरह अड़ंगा लगाने का काम किया. जिसके बाद उसे वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका था.
चीन ने क्या कहा?
हालांकि, अब अपना रुख बदलते हुए चीन ने यूएन के फैसले का समर्थन किया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "आतंकवाद मानवता का साझा दुश्मन है.1267 समिति (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी तंत्र है. और संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आतंकवादियों या आतंकी संगठनों की सूची आतंकवादी खतरों के जवाब में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने के लिए अनुकूल है."
वांग वेनबिन ने कहा, 'चीन हमेशा समिति के मानकों और प्रक्रियाओं के अनुरूप रचनात्मक और जिम्मेदार तरीके से 1267 समिति के काम में भाग लेता रहा है.' बता दें कि मक्की पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादियों में से एक था, जिसे चीन ने वर्षों से वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने से रोकने की मांग की थी. मक्की की संयुक्त राष्ट्र सूची में अपनी आपत्तियों को दूर करने के लिए चीन का कदम तब आया, जब उसके नए विदेश मंत्री किन गैंग ने अपना कार्यकाल शुरू किया. किन पहले अमेरिका में चीन के दूत थे और अब वांग यी के उत्तराधिकारी बने हैं.
यूएन ने क्या कहा?
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा नाम के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से जुड़ा है. लश्कर अब जमात-उद-दावा नाम से सक्रिय है. मक्की की एक और पहचान है. संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में कहा-'16 जनवरी 2023 को सुरक्षा परिषद समिति ने ISIL, अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अब्दुल रहमान मक्की को प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है.'
मक्की की संपत्ति फ्रीज
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की को नामित आतंकवादियों की अपनी सूची में शामिल किया. यूएन ने मक्की की संपत्ति फ्रीज कर दी है. यात्रा प्रतिबंध और हथियारों की खरीद पर रोक लगा दी है.
पाकिस्तान ने 15 मई 2019 को किया था गिरफ्तार
पाकिस्तान सरकार ने मक्की को 15 मई 2019 को गिरफ्तार किया था. 2020 में टेरर फंडिंग केस में मक्की को पाकिस्तानी कोर्ट ने सजा सुनाई थी. वो लाहौर में हाउस अरेस्ट पर है. भारत और अमेरिका ने मक्की को अपने कानून के तहत पहले ही आतंकवादियों की लिस्ट में डाल रखा है.
तैयबा के लिए फंड का करता है इंतजाम
यूएन के अनुसार, ग्लोबल टेररिस्ट अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक कार्य विंग का प्रमुख है. विदेश संबंधी विभाग के प्रमुख के रूप में भी वह काम कर रहा है. उसका खास काम तैयबा के लिए फंड का इंतजाम करना है.
भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है मक्की
मक्की ने अभी तक भारत में कई बड़े आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. इसमें साल 2000 का लाल किला हमला, साल 2008 का रामपुर कैंप पर हमला, साल 2018 में बारामुला, श्रीनगर और बांदीपोरा हमले शामिल हैं. आतंकी संगठन लश्कर ने 26/11 के मुंबई हमले को भी अंजाम दिया था.
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