पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की एक बार फिर से तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद "भारत की तरह सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहता था" लेकिन ऐसा करने में सक्षम नहीं था क्योंकि उनकी सरकार अविश्वास प्रस्ताव में गिर गई थी. देश के नाम वीडियो संदेश में उन्होंने उक्त बात कही.
गौरतलब है कि, वे पिछले 23 वर्षों में मास्को का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी पीएम थे. लेकिन वे किसी भी सौदे को पक्का नहीं कर सके, जिसके तंगहाल देश को राहत मिल सके.
पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसी बीच इमरान खान ने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि उनका देश भी रूसी कच्चे तेल को रियायती दर पर खरीद सकता है, जो यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत खरीद रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है, जब खान ने पश्चिमी दबाव के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और रूसी तेल खरीदने के मामले में भारत की उपलब्धियों को स्वीकार किया है.
उन्होंने सितंबर 2022 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "दुनिया में नवाज के अलावा किसी अन्य नेता के पास अरबों की संपत्ति नहीं है. मुझे एक ऐसे देश के बारे में बताएं जिसके प्रधानमंत्री या नेता के पास देश के बाहर अरबों की संपत्ति है. यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश में भी, पीएम मोदी के पास भारत के बाहर कितनी संपत्ति है?"
इससे पहले मई 2022 में, खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से सस्ते तेल खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना की थी.
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