- रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका से भारत के रूस से तेल खरीदने पर सवाल उठाने के दोहरे मापदंड पर आलोचना की है
- पुतिन ने कहा कि अमेरिका रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है तो भारत रूस से तेल क्यों नहीं खरीद सकता
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाए हैं जिसे भारत ने अनुचित बताया है
Putin India Visit: अगर अमेरिका रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीद सकता है तो उसे भारत के रूस से तेल खरीदने पर सवाल उठाने और प्रतिबंध लगाने का अधिकार किसने दिया? यह सवाल खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमरी पुतिन कर रहे हैं. इंडिया टूडे को दिए एक इंटरव्यू में पुतिन ने यह सवाल उस समय उठाया है जब वह दो दिनों की यात्रा के लिए भारत आए हुए हैं. पुतिन का प्लेन गुरुवार, 4 नवंबर की शाम दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, जहां पीएम मोदी ने तमाम प्रोटोकॉल को साइड में रखकर खुद उनका स्वागत किया.
पुतिन का अमेरिका से कड़ा सवाल
नई दिल्ली और मॉस्को के बीच सोवियत संघ के दिनों से ही मजबूत संबंध हैं. रूस दशकों से भारत के लिए हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर रहा है. लेकिन फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया तो पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिए. इसके बावजूद भारत रूस से तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक के रूप में उभरा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारतीय वस्तुओं पर दंडात्मक टैरिफ लगाते हुए रूसी तेल रखीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का कहना है कि भारत द्वारा सस्ते रूसी तेल की खरीद से यूक्रेन में मास्को के युद्ध को फंडिंग करने में मदद मिलती है. कमाल बात है कि जब ट्रंप यह आरोप लगा रहे हैं तब वह खुद रूस के साथ बिजनेस कर रहे हैं, उससे न्यूक्लियर फ्यूल खरीद रहे हैं. पुतिन ने भी इसी दोहरे मापदंड पर सवाल उठाया है.
पुतिन ने इस इंटरव्यू में कहा, "अमेरिका अभी भी अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (न्यूक्लियर पावर प्लांट) के लिए हमसे न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है. वह भी तो ईंधन है... अगर अमेरिका को हमारा ईंधन खरीदने का अधिकार है, तो भारत को भी यही विशेषाधिकार क्यों नहीं होना चाहिए? इस सवाल की गहन जांच होनी चाहिए और हम इस पर राष्ट्रपति ट्रंप सहित किसी से भी चर्चा के लिए तैयार हैं."
गौरतलब है कि भारत ने बार-बार कहा है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ अनुचित हैं. भारत ने भी मॉस्को के साथ चल रहे अमेरिकी व्यापार की ओर इशारा किया है. अमेरिका और यूरोपीय यूनियन खुद तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) से लेकर एनरिच्ड यूरेनियम तक, अरबों डॉलर की रूसी ऊर्जा और वस्तुओं का आयात कर रहे हैं.













