ईरान (Iran) की फुटबॉल टीम (Football Team) बुधवार को फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup) में अमेरिका (US) के साथ हुए मैच में हार गई. लेकिन ईरान में, इस हार के बाद अनोखा जश्न शुरू हो गया. यह किसी भी देश की फुटबॉल टीम के हारने के बाद की अपेक्षित प्रतिक्रिया से बिल्कुल उलट रहा. पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शनों में डूबे ईरान की सड़कों पर इस जश्न की वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. ईरानी अपनी फुटबॉल टीम को अपनाने से इंकार करते हैं, जिसे वो दमनकारी सरकार में शामिल लोगों की तरह देखते हैं.
ट्विटर पर शेयर की गईं वीडियो दिखाती हैं कि ईरानी खुशी में सड़कों पर नाच रहे हैं. ईरान की सड़कों से विरोध प्रदर्शन के दौरान टायर जलाने की तस्वीरें आईं थीं, अब ताज़ा तस्वीरें उनसे बिल्कुल हटकर हैं. लेकिन यह नाच गाना, जश्न और हार्न बजाना भी विरोध प्रदर्शन का एक हिस्सा है, क्योंकि वो प्रदर्शनों के दौरान फुटबॉल टीम के वर्ल्ड कप में शामिल होने का विरोध कर रहे हैं.
ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की हिजाब पुलिस की हिरासत में मौत के बाद, हुए विरोध प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं. इनमें बच्चे भी शामिल हैं.
महसा अमीनी के शहर साकेज़ में, और ईरान के कई अन्य शहरों में, नागरिकों ने पटाखे छोड़ कर अपनी खुशी जाहिर की. लंदन स्थित ईरान की समाचार एजेंसी ने ट्विटर पर लिखा, जैसे ही अमेरिकी ने ईरान की फुटबॉल टीम के खिलाफ पहला गोल दागा, साकेज के लोगों ने पटाखे छोड़ना और खुशी मनाना शुरू कर दिया."
पत्रकार सईद ज़ाफरानी ने ईरान की टीम के हारने के बाद ट्वीट किया किसने सोचा था कि मैं अमेरिका के गोल पर खुशी मनाते हुए तीन मीटर ऊपर कूदूंगा! पॉडकास्टर इलाही खोसरावी ने ट्वीट किया, विरोध प्रदर्शनों के बीच खेलने का यही अंजाम होता है, वह अपने लोगों से हार गए, अपने विपक्षियों और सरकार से भी हार गए."
वहीं ईरान की फुटबॉल टीम से अपनी तरह से विरोध प्रदर्शन जताते हुए 22 नवंबर को इंग्लैंड के खिलाफ अपने ओपनिंग मैच में राष्ट्रीय गान गाने से इंकार कर दिया था. जबकि यह विरोध कुछ लोगों ने साहसी बताया था, कई ईरानी अभी भी कहते हैं कि यह फुटबॉलल टीम ईरान के लोगों का नहीं ईरान की सरकार का प्रतिनिधित्व करती है.