Explainer: टैक्स का बोझ बढ़ा तो अचानक हिंसा की आग में क्यों जल उठा केन्या? संसद पर भी हमला

18 जून को वित्त विधेयक पेश किए जाने के बाद यह और बढ़ गया. प्रदर्शन नैरोबी से आगे बढ़कर मोम्बासा और एल्डोरेट जैसे शहरों में फैल गए हैं, जो पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति रूटो के समर्थन के गढ़ रहे हैं, जो सरकार की आर्थिक नीतियों के प्रति व्यापक असंतोष को दर्शाता है.

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केन्या में संसोधित नए टैक्स बिल को लेकर सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन जारी है. राजधानी नैरोबी में हालात इस कदर खराब है कि हिंसा और प्रदर्शन के बीच 5 लोगों की मौत हो गई है. हजारों प्रदर्शनकारी ने परिसर में प्रवेश करके संसद भवन के एक हिस्से में आग लगा दी, जिसके कारण इसे खाली करना पड़ा. जवाबी कार्रवाई में केन्याई पुलिस ने गोलियां चलाईं. 

विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य रूप से युवा केन्याई लोग कर रहे हैं, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से संगठित किया गया है. आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ, लेकिन 18 जून को वित्त विधेयक पेश किए जाने के बाद यह और बढ़ गया. प्रदर्शन नैरोबी से आगे बढ़कर मोम्बासा और एल्डोरेट जैसे शहरों में फैल गए हैं, जो पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति रूटो के समर्थन के गढ़ रहे हैं, जो सरकार की आर्थिक नीतियों के प्रति व्यापक असंतोष को दर्शाता है.

क्यों शुरू हुआ प्रदर्शन? 
विरोध प्रदर्शन का यह दौर तब शुरू हुआ जब सांसदों ने नए करों की पेशकश करने वाले वित्त विधेयक पर मतदान किया. इन नए करों में ‘इको-लेवी' भी शामिल है जो सैनिटरी पैड और डायपर जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ाएगी. ब्रेड पर 16 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव था. लोगों के आक्रोश के बाद ‘ब्रेड' पर कर लगाने का प्रस्ताव हटा दिया गया. लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी संसद से इस विधेयक को पारित नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं.

पिछले कुछ दिनों से काफी हद तक शांतिपूर्ण चल रहा विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया, जब लोगों ने तटीय शहर मोम्बासा, विक्टोरिया झील के किनारे एक बंदरगाह शहर और अन्य शहरों की सड़कों पर सामूहिक मार्च किया. बिल से असंतोष सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है, जो अपने नागरिकों को समझाने में विफल रही है.

केन्या मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का एक वीडियो साझा किया और कहा कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा. आयोग ने ‘एक्स' पर राष्ट्रपति विलियम रुटो को संबोधित करते हुए लिखा, “दुनिया आपको अत्याचार की ओर बढ़ते हुए देख रही है! आपकी सरकार के कार्य लोकतंत्र पर हमला हैं. गोलीबारी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.”

राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कर वृद्धि के विरोध के बाद बड़ी अराजकता में बदल जाने के बाद "हिंसा और अराजकता" के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कसम खाई.

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केन्या में प्रदर्शन, भारतीय उच्चायोग की सलाह
केन्या में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों को अफ्रीकी राष्ट्र में हिंसक विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न ‘‘तनावपूर्ण'' स्थिति के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक सावधानी'' बरतने की सलाह दी.

भारतीय उच्चायोग ने एक परामर्श में कहा, ‘‘मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने और स्थिति सामान्य होने तक विरोध और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.'' एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार वर्तमान में लगभग 20,000 भारतीय केन्या में रह रहे हैं.

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