बांग्लादेश में चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से सरगर्मी बढ़ गई है.वहीं, चुनावी हमलों का नया दौर भी शुरू हो गया है, जिसने स्वच्छ और हिंसा रहित चुनाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बांग्लादेशी मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार इंकलाब मंच के प्रवक्ता और ढाका-8 चुनाव क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी को शुक्रवार की दोपहर को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मार दी गई.बांग्लादेशी मीडिया यूएनबी के अनुसार कि ढाका मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया. पुलिस कैंप के इंचार्ज इंस्पेक्टर मोहम्मद फारुक ने बताया कि प्रचार के दौरान दोपहर करीब 2:30 बजे बदमाशों ने उन्हें गोली मारी. हालांकि, पुलिस ने यह साफ नहीं किया कि उनके शरीर पर गोली कहां लगी है.
वहीं, द डेली स्टार के अनुसार,निर्दलीय उम्मीदवार और इंकलाब मंच के प्रवक्ता हादी को आज दोपहर ढाका के पलटन इलाके में रिक्शा से जाते समय गोली मारी गई. चश्मदीदों ने बताया कि हादी रिक्शे पर बिजॉयनगर की ओर जा रहे थे,तभी मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहने दो लोगों ने बैतुस सलाम जामे मस्जिद के सामने उन्हें गोली मार दी. और मौके से भाग निकले.ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मोतीझील डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर हारुन-उर-रशीद ने बताया कि पुलिस हमलावरों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. घटनास्थल के पास डीआर टावर के सिक्योरिटी गार्ड साकिब हुसैन ने कहा कि जब गोलियां चलीं तो वह बिल्डिंग के अंदर थे.
गुरुवार को शाम छह बजे चुनाव आयोग ने बांग्लादेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव होने जा रहा है. संसदीय चुनाव के लिए नामांकन 29 दिसंबर 2025 तक दाखिल किए जाएंगे. 30 दिसंबर से 4 जनवरी 2026 तक नामांकन की स्क्रूटनी होगी. 20 जनवरी नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है. वहीं, 21 जनवरी को चुनाव चिह्न का आवंटन और अंतिम उम्मीदवारों की सूची जारी होगी. इसके साथ ही, 22 जनवरी से 10 फरवरी सुबह 7:30 बजे तक चुनाव प्रचार की अनुमति होगी.
आपको बता दें कि चुनावी हिंसा का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले बीएनपी के दो गुटों में भी हिंसा के मामले देखने को मिले. बीएनपी में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन दो गुटों के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आ रही है. यूनुस की अंतरिम सरकार के नेतृत्व में देशभर में हिंसा और अराजकता की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि देशभर में पूर्व पीएम शेख हसीना सरकार के समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है.
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