अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग इस देश को छोड़ना चाहते हैं. काबुल एयरपोर्ट की तस्वीरें इस बात की गवाह हैं. काबुल एयरपोर्ट पर लोग किसी भी तरह विमानों पर चढ़ जाना चाहते थे. इसी बीच तुर्की ने अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को रोकने के प्रयास में अपनी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. तुर्की शरणार्थियों की नई आमद को रोकने के लिए ईरान के साथ अपनी सीमा पर दीवार का निर्माण कर रहा है. अब इसका महत्व और बढ़ गया है जबकि अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. तुर्की अपनी ईरान की सीमा पर 295 किलोमीटर लंबी दीवार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. फिलहाल 5 किलोमीटर का काम बचा है. पहले से ही लाखों सीरियाई शरणार्थी तुर्की में रह रहे हैं.
बता दें कि जबसे अफगानिस्तान में तालिबान की गतिविधियां बढ़ी बड़ी संख्या में अफगानी कई देशों में शरण ले रहे हैं. कुछ अफगानी भागकर तुर्की भी पहुंचे हैं. संयुक्त राष्ट्र भी अफगानिस्तान के इस संकट को लेकर परेशान है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अफगानी नागिरिकों की जान बचाने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तालिबान और सभी अन्य पक्षों से संयम बरतने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवकता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एक शांतिपूर्ण समाधान में योगदान करने, सभी अफगानों विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने और जरूरतमंद नागरिकों को जीवनरक्षक मानवीय सहायता देने के लिए दृढ़ संकल्प है. ओसीएचए के नाम से जाने जाना वाले कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि 5,50,000 लोगों को पहले से ही सहायता की आवश्यकता थी जब इस साल संघर्ष से 5,50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। यह आंकड़ा मई के बाद से दोगुना हो गया.