Afghanistan Crisis: अमेरिकी सैनिकों (United States military) के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबानी लड़ाके (Taliban fighters) और भी बेफिक्र हो गए हैं. एक वीडियो में दिखाया गया है कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के तुरंत बाद तालिबानी, काबुल एयरपोर्ट के हैंगर में दाखिल हुए और चिनूक हेलीकॉप्टर्स की जांच की. जर्नलिस्ट नबीह बुलोस द्वारा फिल्माये गए इस वीडियो में करीब 10सशस्त्र तालिबानियों को हैंगर (Hangar) में प्रवेश करते और इसके बाद चॉपर्स की ओर जाते हुए देखा जा सकता है.गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 20 साल लंबे मिशन का अंत हो गया. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अफगानिस्तान से अब उसके सभी सैनिक लौट गए हैं और मिशन खत्म हो गया है. वीडियो में बुलोस कह रहे हैं, 'अब उन्होंने नियंत्रण कर लिया है.'28 सेकंड की इस क्लिप को ट्विटर पर अब तक 25 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है. यही नहीं, कई यूजर्स ने चॉपर्स को वहां छोड़ने को लेकर चिंता भी जताई है.
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हालांकि, एक अमेरिकी जनरल ने कहा है कि सेना ने काबुल एयरपोर्ट पर जाने से पहले कई एयरक्राफ्ट के साथ बख्तरबंद वाहनों और उच्च तकनीक वाले रॉकेट्स की रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया है. सेंट्रल कमांड के हेड, जनरल कैनेज मैकेंजी के अनुसार, हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों को "demilitarized," या बेकार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये विमान अब कभी उड़ सकेंगे..ये कभी भी किसी के भी द्वारा संचालित नहीं किए जा सकेंगे. अमेरिकी सेना ने सोमवार को अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के अंतिम दल की विदाई की घोषणा की. तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण करने के बाद अमेरिकी सैनिकों की विदाई के साथ 20 साल के संघर्ष का समापन हुआ.
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जनरल मैकेंजी ने कहा, "मैं यहां अफगानिस्तान से अपनी वापसी पूरी होने और अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा करने आया हूं." मैकेंजी ने कहा कि एक बड़े सी-17 सैन्य परिवहन विमान ने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से काबुल के समयानुसार आधी रात से एक मिनट पहले उड़ान भरी.राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सेना की वापसी के लिए 31 अगस्त की समय सीमा तय की थी.अल-कायदा द्वारा अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद 2001 में ही तालिबान को सत्ता से बेदखल करने के लिए अमेरिकी सैनिक नाटो गठबंधन के नेतृत्व में अफगानिस्तान आए थे.