पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) ने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के साथ एक नए रक्षा समझौते पर दस्तख़त किए हैं, जिसकी बदौलत अमेरिका की सेना को प्रशांत महासागरीय देश के हवाई अड्डों और बंदरगाहों तक पहुंच मिल जाएगी. इस समझौते के पीछे अमेरिका का उद्देश्य क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करना है.
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन की मौजूदगी में कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हम एक सामान्य रिश्ते से ऊपर उठकर विशिष्ट रिश्ता बना रहे हैं... दोनों देशों के बीच एक रक्षा सहयोग समझौता किया गया है..."
गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोमवार को ही इस क्षेत्र से ऑस्ट्रेलिया रवाना हुए हैं, और रवानगी से पहले PM ने कहा कि इस क्षेत्र में मौजूद देशों को बड़े महासागरीय देशों के तौर पर देखता है, छोटे-छोटे द्वीपों के तौर पर नहीं. प्रधानमंत्री ने कहा था कि आपके चारों और फैला महासागर ही भारत को आपके साथ जोड़ता है, और भारतीय विचारधारा में संपूर्ण विश्व को एक परिवार की तरह देखा गया है.
PM की इसी यात्रा के दौरान पापुआ न्यू गिनी और फीजी ने अपने-अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से भारत के PM को नवाज़ा. PM नरेंद्र मोदी को फीजी के सर्वोच्च सम्मान 'कम्पैनियन ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ फीजी' (Companion of the Order of Fiji) से फीजी PM सित्वनी राबुका ने सम्मानित किया. अहम बात यह है कि अब तक कुछ गिनी-चुनी गैर-फीजी शख्सियतों को ही यह सम्मान दिया गया है.
उधर, पापुआ न्यू गिनी ने भी PM नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च पुरस्कार 'कम्पैनियन ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ लोगोहू' (Companion of the Order of Logohu) से सम्मानित किया. पापुआ न्यू गिनी की तरफ से भी यह पुरस्कार बहुत कम विदेशियों को दिया गया है.
इसी क्षेत्र के एक अन्य मुल्क रिपब्लिक ऑफ़ पलाऊ ने भी PM नरेंद्र मोदी को एबाक्ल अवॉर्ड (Ebakl Award) से सम्मानित किया. PM मोदी को ये सभी अवॉर्ड पापुआ न्यू गिनी में ही दिए गए. PMO इंडिया की ट्विटर पोस्ट के अनुसार, पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर ने प्रधानमंत्री को भेंट यह सम्मान दिया.