प्रवासी यंगस्टर्स अपनी मर्जी से अमेरिका छोड़ेंगे तो मिलेंगे 2500 डॉलर, जानें क्या है ट्रंप का ये प्लान

ट्रंप सरकार की इस पहल को स्वैच्छिक बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि इससे बच्चों को अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर फैसला लेने का मौका मिलेगा.

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प्रवासी यंगस्टर् की घर वापसी के लिए ट्रंप का प्लान.
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  • ट्रंप प्रशासन फेडरल कस्टडी में रह रहे प्रवासी किशोरों को घर वापस भेजने के लिए एक कार्यक्रम शुरू कर रहा है.
  • योजना के तहत 17 वर्ष से कम उम्र के माइग्रेंट यंगस्टर्स को US छोड़कर अपने देश लौटने पर 2500 डॉलर दिए जाएंगे.
  • यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जिन्हें बिना परिवार के अमेरिका लाया गया था और वे घर लौटना चाहते हैं.
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वाशिंगटन:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन प्रवासी यंगस्टर्स की घर वापसी के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. जिसके तहत फेडरल कस्टडी में रह रहे यंगस्टर्स अगर अपनी मर्जी से अपने होम कंट्री वापस जाते हैं तो उनको रकम दी जाएगी. ट्रंप सरकार इन यंगस्टर्स को देश वापस देने के बदले 2500 डॉलर देगी. ये कार्यक्रम 17 साल के उन माइग्रेट यंगस्टर्स के लिए शुरू किया जा रहा है, जो कि इमिग्रेशन जज की वापसी की मंजूरी के बाद अमेरिका छोड़ना चाहते हैं.

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 तस्करी कर लाए गए बच्चों की घर वापसी की प्लानिंग

शरणार्थी पुनर्वास कार्यालय की देखरेख करने वाले HHS ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए एक ऑप्शन की तरह डिजाइन किया गया है, जिन्हें उनके परिवारों के बिना अमेरिका लाया गया था.अधिकारियों ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद उन नाबालिगों को घर वापस लौटने का अधिकार देना है, जो कि बिना किसी ऑप्शन के देश में तस्करी कर लाए गए थे.

भविष्य के बारे में सोच समझकर फैसला लेना का मौका

ट्रंप सरकार की इस पहल को स्वैच्छिक बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि इससे बच्चों को अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर फैसला लेने का मौका मिलेगा. वकीलों और इमिग्रेशन लॉयर्स ने इस हफ्ते ही चेतावनी दी थी कि यह 17 साल से कम उम्र के बच्चों पर भी लागू हो सकता है.इसमें 14 साल के बच्चे भी शामिल हो सकते हैं. 

ट्रंप की इस पॉलिसी का नुकसान क्या है?

वकीलों और इमिग्रेशन लॉयर्स ने कहा था कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह पॉलिसी शरण जैसी सुरक्षा के लिए नाबालिगों पर आवेदन वापस लेने का दबाव डाल सकती है. उन कानूनी सुरक्षा उपायों को छोड़ने पर मजबूर कर सकती है, जो आम तौर पर 18 साल की उम्र तक उनको डिपोर्टेशन से बचाती है. 

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