'भारत 100% टैरिफ लगाता..' डोनाल्ड ट्रंप जवाबी टैक्स से पीछे नहीं हटने वाले, किसी देश पर रहम नहीं…

अमेरिका 2 अप्रैल से उन सभी देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने वाला है जो उसपर टैरिफ लगाते हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दिन को अमेरिका के लिए लिबरेशन डे यानी मुक्ति दिवस का नाम दिया है.

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व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट
एएफपी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ वाले प्लान पर पूरी तरह डटे हुए हैं और किसी पर कोई रहम दिखाने नहीं जा रहे हैं. अमेरिका 2 अप्रैल से उन सभी देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने वाला है जो उसपर टैरिफ लगाते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दिन को अमेरिका के लिए लिबरेशन डे यानी मुक्ति दिवस का नाम दिया है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने सोमवार, 31 मार्च को पुष्टि की कि जवाबी टैरिफ पर कोई छूट नहीं होगी. विदेशी देशों द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को गिनाते करते हुए लेविट ने कहा कि "अनुचित व्यापार प्रथाओं" (अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस) को रोकने की जरूरत है. 

"बुधवार को जो शुरू होगा उसका लक्ष्य देश के आधार पर टैरिफ लगाना है. लेकिन यह निश्चित रूप से सेक्टर के हिसाब से टैरिफ है. राष्ट्रपति ने कहा है कि वह उन्हें लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और जब वह यह घोषणा करेंगे तो मैं इसे उन पर छोड़ दूंगा.. यह पारस्परिकता (बराबर का टैरिफ) का समय है."

यूरोपीय यूनियन, भारत, जापान और कनाडा द्वारा बड़े पैमाने पर लगाए जाने वाली टैरिफ की लिस्ट पकड़े हुए, व्हाइट हाउस प्रेस प्रवक्ता ने कहा, "यदि आप हमारे अनुचित व्यापार प्रथाओं को देखें - अमेरिकी डेयरी पर यूरोपीय यूनियन से 50 प्रतिशत टैरिफ. अमेरिका  से जाने वाले चावल पर जापान से 700 प्रतिशत टैरिफ. अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत से 100 प्रतिशत टैरिफ. आपके पास अमेरिकी मक्खन और अमेरिकी पनीर पर कनाडा से लगभग 300 प्रतिशत टैरिफ है."

"इससे अमेरिकी उत्पादों को इन बाजारों में आयात करना लगभग असंभव हो गया है, और इन टैरिफ ने पिछले कई दशकों में बहुत से अमेरिकियों को बिजनेस से बाहर कर दिया है तो कईयों को काम से बाहर."

गौरतलब है कि देश अक्सर अपनी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण उद्योगों या क्षेत्रों की रक्षा के लिए विदेश से आने वाली वस्तुओं यानी आयात पर भारी टैक्स लगाते हैं. इसे ही टैरिफ कहा जाता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ का ऐलान किया है. इसका उद्देश्य अमेरिका से भेजे जाने वाले खास सामानों पर आगे वाले देश जितना टैरिफ लगाते हैं, ठीक उतना ही अमेरिका उन देशों से आने वाले सामान पर लगाएगा. 

ट्रंप की सरकार ने तर्क दिया है कि टैरिफ का मौजूदा अंतर अमेरिकियों के लिए अनुचित है और उनकी घरेलू कंपनियों और श्रमिकों को नुकसान पहुंचाती है. 

व्हाइट आउस प्रवक्ता लेविट ने प्रतिज्ञा की कि ट्रंप के नए टैरिफ अमेरिका के व्यापार संबंधों में "ऐतिहासिक परिवर्तन" लाएंगे. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, ये देश बहुत लंबे समय से हमारे देश को छीन रहे हैं... और मुझे लगता है कि उन्होंने (देशों ने) अमेरिकी श्रमिकों के लिए अपना तिरस्कार बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है."


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