अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को तमाम देशों पर नए जवाबी टैरिफ की घोषणा की. इसे उन्होंने अमेरिका के लिए 'लिबरेशन डे' यानी 'मुक्ति दिवस' करार दिया. ट्रंप के इस टैरिफ की मार भारत जैसे अमेरिका के मित्र देश से लेकर चीन जैसे विरोधी देश, सबपर लगने वाली है. अंतर बस यही है कि किसी को चोट ज्यादा लगेगी तो किसी को कम. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान पर 34 प्रतिशत और यूरोपीय संघ से होने वाले आयात पर 20 प्रतिशत का नया टैरिफ लगाया है. साथ ही उन्होंने भारत पर 26 प्रतिशत "छूट वाले जवाबी टैरिफ" की घोषणा की.
ट्रंप ने क्यों दिया '50%' डिस्काउंट!
ट्रंप ने कहा है कि दुनिया भर के देश अमेरिका से जितना टैरिफ लेते हैं, हम उसका लगभग आधा टैरिफ ही लगा रहे हैं और इस तरह उन पर दयालु हो रहे हैं. ट्रंप ने कहा, "हम उनसे उसका लगभग आधा शुल्क लेंगे जो वे हमसे वसूल रहे हैं.. हम दयालु लोग हैं. उन्होंने बाद में अपनी टिप्पणी में कहा, "यह पूरी तरह रेसिप्रोकल (बराबर जवाबी टैरिफ लगाना) नहीं है. यह दयालु रेसिप्रोकल है.”
यहां ध्यान देने लायक बात यह है कि ट्रंप ने भारत पर कोई विशेष मेहरबानी नहीं की है. उन्होंने देशों से पर उनकी ओर से अमेरिकी सामान पर लगाए जाने वाले टैरिफ का लगभग आधा टैरिफ लेने की ही घोषणा की है. हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं जो अमेरिका पर 10% का टैरिफ लगाते हैं और उनपर भी उतना ही टैरिफ लगाया गया है. अगर पूरे रेंज की बात करें तो अमेरिका ने तमाम देशों पर कम से कम 10% से लेकर अधिक से अधिक 49% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है. ट्रंप के अनुसार 2 अप्रैल (अमेरिकी समयानुसार) को घोषित टैरिफ आधिकारिक तौर पर आधी रात (अमेरिकी समयानुसार) से प्रभावी होंगे. यानी अगर भारत में बात करें तो यह 3 अप्रैल को रात के 9.30 बजे लागू होंगे.