- अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के तहत आधिकारिक संघीय सरकार का शटडाउन संसद से फंडिंग मंजूरी न मिलने के कारण हुआ.
- शटडाउन के दौरान गैर-आवश्यक संघीय कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर रहेंगे, आवश्यक कर्मचारी बिना वेतन काम करेंगे.
- H-1B वीजा प्रक्रिया पर शटडाउन के कारण रोक लगी है, नई आवेदन या स्थानांतरण संभव नहीं है.
अमेरिका में संघीय सरकार (ट्रंप प्रशासन) का आधिकारिक तौर पर शटडाउन हो गया है. सरकार को संसद से ज़रूरी मंज़ूरी नहीं मिलने के कारण उसके फंड पर रोक लग गई है, क्योंकि वह अपना स्पेंडिंग बिल पास कराने में विफल रही. आधी रात होते ही सरकारी फंडिंग समाप्त हो गई. पिछले छह सालों में यह पहला सरकारी शटडाउन है.
शटडाउन का असर H-1B वीजा पर भी
शटडाउन का मतलब है कि पूरे अमेरिका में सरकारी एजेंसियां अस्थायी रूप से बंद हो जाएंगी. जिन संघीय (फेडरल) कर्मचारियों को गैर-आवश्यक माना जाता है, उन्हें बिना वेतन के छुट्टी पर रखा जाएगा. सैन्य कर्मियों सहित आवश्यक कर्मचारियों को बिना वेतन के काम करना होगा. इस शटडाउन का असर H-1B वीज़ा पर भी देखने को मिल सकता है. आव्रजन वकील निकोल गुनारा का कहना है कि शटडाउन खत्म होने तक H-1B वीज़ा पर भी रोक लगी रहेगी.
कोई भी व्यक्ति नया एच-1बी प्राप्त नहीं कर सकता
उन्होंने कहा कि कांग्रेस संघीय वित्तीय आवंटन पर सहमति जाहिर करने तक एच-1बी वीजा आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. गुनारा ने स्पष्ट किया कि एच-1बी वीजा प्रक्रिया कई चरणों वाली होती है, जो श्रम विभाग (डीओएल) में श्रम शर्त आवेदन (एलसीए) दाखिल करने से शुरू होती है. एलसीए के प्रमाणीकरण के बाद कंपनी अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) में एच-1बी आवेदन प्रस्तुत करने के लिए आगे बढ़ती है यूएससीआईएस फाइलिंग शुल्क पर निर्भर है, इसलिए सरकारी बंदी से उसके कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति नया एच-1बी प्राप्त नहीं कर सकता, नियोक्ता को स्थानांतरित नहीं कर सकता, या एच-1बी में अपना दर्जा नहीं बदल सकता, जब तक कि उसने आज से पहले एलसीए प्रमाणित और डाउनलोड नहीं कर लिया ह." उन्होंने आगे कहा, "जिस किसी के पास प्रमाणित एलसीए नहीं है, उसे अपनी एच-1बी प्रक्रिया जारी रखने के लिए सरकार के दोबारा खुलने का इंतजार करना होगा."
अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्वारा भारत और चीन से कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाने वाला एच-1बी वीजा कार्यक्रम, पिछले महीने ट्रंप द्वारा आवेदकों पर 1,00,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने के बाद से सुर्खियों में छाया हुआ है, यह मौजूदा 215 डॉलर की दर से कहीं अधिक है.
इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने वर्तमान लॉटरी प्रणाली को समाप्त कर एक भारित चयन प्रक्रिया लागू करने की योजना की घोषणा की. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने वेतन स्तरों पर आधारित चयन का प्रस्ताव दिया है, यानी चार वेतन श्रेणियों में से उच्चतम स्तर के कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी.
भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया: "इस समय, संयुक्त राज्य अमेरिका में और विदेशों में अमेरिकी दूतावासों तथा वाणिज्य दूतावासों में निर्धारित पासपोर्ट एवं वीजा सेवाएं, स्थिति की अनुमति होने पर, विनियोग चूक के दौरान जारी रहेंगी." सरकारी बंदी के दौरान संघीय एजेंसियां आपातकालीन जरूरतों के अलावा कोई धन व्यय नहीं कर सकतीं, इसलिए गैर-जरूरी कार्यों को कांग्रेस द्वारा वित्त पोषण बहाल होने तक स्थगित रखा गया है.