व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए गए अभूतपूर्व प्रतिबंध मॉस्को को वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग कर देंगे और अत्याधुनिक तकनीक तक उसकी पहुंच भी बाधित हो जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी सहयोगी, भारतीय-अमेरिकी दलीप सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कदमों में रूसी सैन्य बलों पर व्यापक प्रतिबंध लगाना शामिल है और ये रूस के रक्षा, उड्डयन और नौवहन क्षेत्रों पर भी लक्षित होंगे. इससे पहले, बाइडन ने रूस के खिलाफ कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, “आज हम अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर रूस पर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध और निर्यात पाबंदियां लगाने की घोषणा करते हैं, जो मॉस्को को वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग कर देंगे, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक उसकी पहुंच बाधित कर देंगे और रूसी अर्थव्यवस्था को विस्तार देने व आधुनिक बनाने की पुतिन की रणनीतिक महत्वाकांक्षा पर लगाम लगाएंगे.”
सिंह अभी अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों में अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के उप निदेशक हैं. उन्होंने कहा, “हम रूस के दो सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों-साइबरबैंक और वीटीबी पर प्रतिबंध लगाएंगे, जिनके पास 750 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति है, जो रूस की बैंकिंग प्रणाली की कुल संपत्ति का आधे से ज्यादा है.”
सिंह ने कहा, “वीटीबी के मामले में हम अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से जुड़ी इसकी सभी संपत्तियों को फ्रीज कर देंगे और अमेरिकी नागरिकों के बैंक के साथ किसी भी तरह का लेन-देन करने पर पाबंदी लगा देंगे.”
उन्होंने कहा, “वहीं, साइबरबैंक के मामले में हम अमेरिकी वित्तीय प्रणाली तक इसकी पहुंच समाप्त कर देंगे. हम 70 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की कुल संपत्ति वाले तीन अतिरिक्त रूसी बैंकों की संपत्तियां फ्रीज करते हुए उनके साथ भी किसी भी तरह के लेन-देन पर प्रतिबंध लगाएंगे.”
सिंह ने कहा कि हम अमेरिकी निवेशकों को रूस की 13 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कंपनियों को ऋण या इक्विटी वित्त पोषण करने से भी रोकेंगे, जिनकी अनुमानित संपत्ति 1500 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है.
व्हाइट हाउस अधिकारी ने कहा, “और अंत में हम इन सरकारी कंपनियों के अधिकारियों के साथ-साथ रूस के कुलीन वर्ग के लोगों और उनके परिवार के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लगाएंगे, जो पुतिन के राजतंत्र का अहम हिस्सा हैं.”
सिंह के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन की ओर से यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और ताइवान के साथ ‘ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ समन्वय' के साथ तैयार कई अभूतपूर्व निर्यात प्रतिबंध भी लागू करने जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इन नए प्रतिबंधों में रूस के सैन्य बलों पर व्यापक पाबंदियां लगाना और रक्षा, उड्डयन व समुद्री क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक तक मॉस्को की पहुंच बाधित करना शामिल है, जिससे पुतिन की सैन्य ताकत में कमी आएगी.
सिंह के अनुसार, अमेरिका और उसके सहयोगी रूस को होने वाले अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के कुल निर्यात में 50 फीसदी से भी ज्यादा की कटौती करेंगे, जिसमें सेमीकंडक्टर से लेकर बुनियादी तकनीक तक शामिल है.
इस बीच, खबर है कि अमेरिका और यूरोपीय अधिकारियों ने रूस के खिलाफ एक प्रमुख वित्तीय प्रतिबंध बचाए रखने का फैसला किया है, जिसके तहत मॉस्को को स्विफ्ट से नहीं हटाने का निर्णय लिया गया है, जो वैश्विक वित्तीय लेन-देन के लिए प्रमुख प्रणाली है.
अधिकारियों के मुताबिक, बाइडन ने रूस को स्विफ्ट से प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि यह हमेशा एक विकल्प रहेगा, लेकिन अभी यूरोप के बाकी हिस्से यह फैसला लेने को तैयार नहीं हैं. बाइडन ने स्पष्ट किया है कि रूस पर बेहद कड़े और प्रभावी प्रतिबंध लगाने की जरूरत है.