अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अचानक परमाणु हथियारों को टेस्ट करने का आदेश क्यों दे दिया?

ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने पेंटागन को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान चीन के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात से ठीक पहले आया है.

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  • दक्षिण कोरिया के बुसान में ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में ट्रेड डील पर चर्चा हो सकती है
  • ट्रंप ने पेंटागन को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है
  • रूस ने हाल ही में पोसाइडॉन नामक समुद्री परमाणु ड्रोन और बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है
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नई दिल्ली:

दक्षिण कोरिया के शहर बुसान में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर अभिवादन किया और संकेत दिए कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डील पर बातचीत आगे बढ़ सकती है. लेकिन इसी मुलाकात से पहले ट्रंप का एक बड़ा बयान सामने आया.

ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने पेंटागन को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है. उनका कहना है कि यह कदम चीन और रूस के स्तर पर अमेरिका की क्षमता बनाए रखने के लिए उठाया गया है. ट्रंप का यह फैसला ऐसे समय आया है जब रूस ने हाल ही में दो बेहद खतरनाक परमाणु हथियारों का सफल परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया है.

रूस ने किया है Poseidon न्यूक्लियर ड्रोन का टेस्ट

रूस ने 28 अक्टूबर को ‘पोसाइडॉन' नामक समुद्री परमाणु ड्रोन का सफल परीक्षण किया. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि इस ड्रोन का न्यूक्लियर पावर प्लांट ‘बुरेवेस्टनिक' क्रूज मिसाइल के पावर प्लांट से 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली है. पुतिन ने कहा कि यह हथियार अवरोधन से परे है, यानी इसे रोकना असंभव है.  ‘पोसाइडॉन' 100 मेगाटन क्षमता वाला परमाणु वारहेड ले जा सकता है, जो हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 6,600 गुना ज्यादा विस्फोटक है. इससे पहले रूस ने ‘बुरेवेस्टनिक' आईसीबीएम क्रूज परमाणु मिसाइल का सफल परीक्षण कर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया था. 

जानकारों का मानना है कि ट्रंप का आदेश अमेरिका की रणनीतिक प्रतिक्रिया है ताकि वह रूस और चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता के सामने पीछे न रह जाए. 

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