न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हमला करने वाले संदिग्ध की पहचान फेयरव्यू, न्यूजर्सी के 24 वर्षीय हादी मटर के रूप में की है. हालांकि इस वारदात के पीछे उसका क्या मकसद था, यह अभी पता नहीं चल सका है.
स्टेट पुलिस ट्रूप कमांडर मेजर यूजीन जे स्टैनिज़ेव्स्की ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, "संदिग्ध की पहचान फेयरव्यू, न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मटर के रूप में हुई है. 75 वर्षीय सलमान रुश्दी और हेनरी रीज़ संस्था के मंच पर पहुंचे ही थे कि उसके तुरंत बाद संदिग्ध मंच पर आ गया और कम से कम एक बार गर्दन में और कम से कम एक बार पेट पर हमला किया."
पुलिस ने आगे कहा कि संस्था के कई सदस्यों और दर्शकों ने तुरंत सक्रियता से संदिग्ध को पकड़ लिया.
मेजर स्टैनिज़ेव्स्की ने कहा, मौजूद लोगों में से एक डॉक्टर ने छुरा घोंपने के बाद "तुरंत रुश्दी का प्राथमिक उपचार किया." अधिकारियों ने संदिग्ध के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी.
सलमान रुश्दी, जिन्हें अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' के लिए जान से मारने की धमकी का सामना करना पड़ा था, पर पश्चिमी न्यूयॉर्क स्टेट में मंच पर छुरे से हमला किया गया.
न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा था कि लेखक जीवित हैं और उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि "वह जीवित हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, एयरलिफ्ट किया गया है ... इवेंट मॉडरेटर पर भी हमला किया गया था; उनका एक स्थानीय अस्पताल में उपचार हो रहा है."
न्यूयॉर्क राज्य पुलिस ने एक बयान में कहा कि चौटाउक्वा में चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट में एक भाषण कार्यक्रम से पहले एक संदिग्ध व्यक्ति मंच पर आया और रुश्दी पर हमला किया.
पुलिस ने कहा है कि लेखक की गर्दन पर चाकू से वार किया गया था. उनको हेलीकॉप्टर से एक क्षेत्रीय अस्पताल में ले जाया गया. एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है.
पुलिस ने कहा कि घटना के दौरान रुश्दी का इंटरव्यू करने वाले पर भी हमला किया गया. उनको सिर में मामूली चोट आई हैं.
बयान में कहा गया है, "स्टेट पुलिस न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक भाषण कार्यक्रम से पहले लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले की जांच कर रही है."
गौरतलब है कि लेखक सलमान रुश्दी सन 1981 में अपने दूसरे उपन्यास "मिडनाइट्स चिल्ड्रन" के साथ सुर्खियों में आए थे. इस किताब में स्वतंत्रता के बाद के भारत के चित्रण के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा और ब्रिटेन के प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इसके बाद साल 1988 में आई उनकी पुस्तक "द सैटेनिक वर्सेज" ने कल्पना से परे दुनिया का ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इस लेखन को लेकर ईरानी क्रांतिकारी नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने उनकी मौत का फतवा जारी किया था. इस उपन्यास को कुछ मुसलमानों ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान माना था.
सलमान रुश्दी के गले पर चाकू से हमला, हेलीकॉप्टर से पहुंचाया अस्पताल