अमेरिका (US) के विदेश मंत्रालय ने अल कायदा (Al-Qaeda) के चीफ अयमान अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) की मौत के बाद एक वैश्विक चेतावनी (Global Alert) जारी की है. मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की थी कि "मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी अयमान अल ज़वाहिरी काबुल में एक ड्रोन हमले में मारा गया और न्याय हुआ." ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) के बाद आतंकी संगठन अल कायदा की कमान संभलने वाले अयमान अल जवाहिरी को 31 जुलाई को अमेरिका ने एक निशाना बना कर किए गए आतंक विरोधी हमले में मार गिराया था.
अमेरिकी चेतावनी में कहा गया कि, "अल जवाहिरी 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए बड़े आतंकी हमले के मास्टरमाइंड्स में से एक था और लगातार अपने समर्थकों से अमेरिका पर हमले को कहता रहता था."
आगे कहा गया है कि "अल जवाहिरी की मौत के बाद अल कायदा के समर्थक या इससे जुड़े आतंकी संगठन अमेरिकी सेवाओं, लोगों या नागरिकों को निशाना बना सकते हैं. आतंकी हमले अक्सर बिना किसी चेतावनी के होते हैं, अमेरिकी नागरिकों से अपील है कि वो उच्च स्तर की निगरानी बनाए रखें और विदेश यात्रा के दौरान अपने आस-पास के हालात का जायज़ा लेते रहें."
अयमान अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था, जो 14 साल की उम्र में मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया. साल 1978 में उसने काहिरा विश्वविद्यालय की फिलॉसफी छात्रा अजा नोवारी से शादी कर ली.
जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया था. इस संगठन ने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया. उसकी मांग थी कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो. साल 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया. मिस्र में तीन साल जेल में वह सऊदी अरब भाग गया और यहां पर मेडिसिन विभाग में प्रैक्टिस करने लगा.
सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात 1985 में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई. यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा. इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया और दौनों दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे.
जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी. 2011 में वह अलकायदा का प्रमुख बन गया था. दुनिया भर में कई जगह हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता है.