ईरान से न्यूक्लियर डील के लिए तड़प रहा अमेरिका? तेहरान का इनकार, ट्रंप $30 बिलियन तक झोंकने को तैयार!

US Iran nuclear Deal talks: इजरायल और ईरान के बीच अब तक के सबसे गंभीर संघर्ष ने ईरान और अमेरिका के बीच हो रही परमाणु वार्ता को पटरी से उतार दिया है. तेहरान अब वार्ता नहीं करना चाहता लेकिन अमेरिका पूरी कोशिश में लगा है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
US Iran nuclear Deal talks: इजरायल-ईरान जंग ने परमाणु वार्ता को पटरी से उतार दिया है
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने से इनकार किया है.
  • ट्रंप प्रशासन न्यूक्लियर डील के लिए ईरान को 30 अरब डॉलर की मदद पर विचार कर रहा है- CNN रिपोर्ट
  • ईरानी विदेश मंत्री ने नई वार्ता की संभावना को खारिज किया है.
  • ईरान ने IAEA के साथ सहयोग खत्म करने का कानून पारित किया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

US Iran nuclear Deal talks: ईरान ने एक बार फिर गुरुवार, 26 जून को इस बात से इनकार किया कि वह इजरायल के साथ 12 दिनों के युद्ध के खत्म होने के बाद अमेरिका के साथ परमाणु समझौते (Nuclear Deal) पर वार्ता फिर से शुरू करने के लिए तैयार है. उसने वाशिंगटन पर अमेरिकी हमलों के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के साथ न्यूक्लियर डील करने के लिए तड़पते दिख रहे हैं. CNN की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप सरकार ने संभवतः ईरान को नागरिक परमाणु कार्यक्रम बनाने (उर्जा उत्पादन और शांतिपूर्ण उपयोग) के लिए 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने, उसपर लगे तमाम प्रतिबंधों में ढील देने और ईरान से जुड़े प्रतिबंधित फंड में मौजूद अरबों डॉलर को मुक्त करने पर चर्चा की है.

जंग के बाद ईरान बातचीत से कर रहा इनकार

इजरायल और ईरान के बीच अब तक के सबसे गंभीर संघर्ष ने ईरान और अमेरिका के बीच हो रही परमाणु वार्ता को पटरी से उतार दिया है. फिर भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वाशिंगटन अगले सप्ताह तेहरान के साथ आगे बी बातचीत करेगा, उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने "एक व्यापक शांति समझौते के लिए" आशा जताई है. लेकिन ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने तेहरान के वार्ता की मेज पर आने की अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.

उन्होंने सरकारी टेलीविजन पर कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि नई वार्ता शुरू करने के लिए कोई समझौता, व्यवस्था या बातचीत नहीं की गई है. बातचीत शुरू करने के लिए अभी तक कोई योजना तय नहीं की गई है."

अराघची का इनकार तब आया जब ईरानी सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था IAEA (न्यूक्लियर वॉचडॉग) के साथ सहयोग खत्म करने वाला एक "बाध्यकारी" विधेयक पारित किया है और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रंप पर ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया.

Advertisement

इजरायल के साथ युद्ध रुकने के बाद पहली बार सामने आए खामेनेई ने इसे इजरायल पर ईरान की "जीत" बताया, अमेरिकी दबाव के आगे कभी नहीं झुकने की कसम खाई और जोर देकर कहा कि वाशिंगटन को एक अपमानजनक "थप्पड़" दिया गया है.

Advertisement

अमेरिका करना चाहता है न्यूक्लियर डील

CNN ने मामले से परिचित चार सूत्रों के हवाले से कहा है कि ट्रंप सरकार ईरान को नागरिक परमाणु कार्यक्रम बनाने के लिए 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने से लेकर उसपर आर्थिक प्रतिबंध हटाने तक की रणनीति पर विचार कर रही है ताकि ईरान डील के लिए मान जाए.

Advertisement

ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने जोर देकर कहा कि पैसा सीधे अमेरिका से नहीं आएगा. वो चाहता है कि उसके अरब पार्टनर यह खर्च उठाए. हाल के महीनों में परमाणु वार्ता के पिछले दौर में ईरान की परमाणु ऊर्जा सुविधाओं में निवेश पर चर्चा की गई है.

Advertisement

ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि कई प्रस्ताव लाए गए हैं. वे अभी शुरुआती हैं. लेकिन ईरान के सामने जो भी प्रस्ताव रखा जाएगा उसमें एक शर्त तो होगी ही और उसपर कोई समझौता नहीं होगा- ईरान यूरेनियम का जीरो संवर्धन (एनरिच करेगा) यानी उसे शुद्ध नहीं करेगा, जबकि ईरान ने लगातार कहा है कि उसे इसकी आवश्यकता है. माना जाता है कि ईरान ने अपने दम पर यूरेनियम को 60 प्रतिशत तक शुद्ध कर लिया है. परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम को 90 प्रतिशत तक शुद्ध करना पड़ता है.

क्या अब परमाणु बम बनाने निकलेगा ईरान

ट्रंप सरकार के भीतर यह उम्मीद है कि पिछले दो सप्ताह की घटनाओं (हमले) के बाद ईरान अमेरिकी शर्तों को स्वीकार कर लेगा और उन प्रयासों को रोक देगा जो उसे परमाणु हथियार विकसित करने के करीब ला सकते हैं. लेकिन ईरान पर हमले का यह फैसला उल्टा भी पड़ सकता है.

CNN की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के एक्सपर्ट कहते हैं कि मौजूदा हालात को देखते हुए ईरानी शासन अब यह निर्णय ले सकता है कि उसे परमाणु हथियार की आवश्यकता है.

ईरान की संसद ने संयुक्त राष्ट्र के न्यूक्लियर वॉचडॉग- IAEA के साथ सहयोग समाप्त करने के लिए कानून को मंजूरी दे दी है. उसका यह फैसला यह संकेत देता है कि ईरान अब अपने परमाणु कार्यक्रम को और अधिक छिपाना चाहता है.

गौरतलब है कि लगभग दो सप्ताह पहले ईरान के खिलाफ इजरायल के हमले के पहले, अमेरिका और ईरान के बीच एक नए परमाणु समझौते की रूपरेखा तक पहुंचने के लिए पांच दौर की वार्ता हुई थी. अमेरिका ने तेहरान को एक प्रस्ताव पेश किया था, और ईरान को ओमान में तय छठे दौर की वार्ता के दौरान जवाब देने की उम्मीद थी. लेकिन इससे पहले ही ईरान पर इजरायल ने हमला कर दिया और वार्ता विफल हो गई.

यह भी पढ़ें: जिस न्यूक्लियर एनरिचमेंट के कारण ईरान बना निशाना, वो होता क्या है? NDTV Explainer

यह भी पढ़ें: आखिर जंग में ईरान की मदद क्यों नहीं कर रहा रूस, आखिर क्या हैं पुतिन की मजबूरियां?

Featured Video Of The Day
Etawah Kathavachak: कथावाचक विवाद के बहाने कौन सेंक रहा सियासी रोटी? NDTV Election Cafe | UP News
Topics mentioned in this article