टैरिफ और H-1B वीजा पर बनेगी बात? समझिए भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक क्यों अहम रही

भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच यह अहम मुलाकात उस समय हुई है जब अमेरिका के लगाए 50% टैरिफ ने दोनों देशों में तनाव बढ़ाया है, साथ ही यह बैठक नए H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद भी हो रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मार्को रुबियो ने न्यूयॉर्क में UNGA के सत्र से पहले बैठक की
  • व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई
  • अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने भारत को अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और निरंतर भागीदारी की सराहना की
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

भारत और अमेरिका के तल्ख हुए रिश्तों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात हुई है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र से इतर दोनों विदेश मंत्रियों ने सोमवार, 22 सितंबर को बैठक की. यह अहम मुलाकात उस समय हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ ने दोनों देशों में तनाव बढ़ाया है, साथ ही यह बैठक नए H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद हो रही है, जिसने भारत के IT सेक्टर में चिंता पैदा कर दी है.

इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों सहित प्रमुख क्षेत्रों में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में, अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (विदेश मंत्री) रुबियो ने कहा कि बैठक द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित थी जिसका उद्देश्य "दोनों देशों के लिए समृद्धि बढ़ाना" था. रुबियो ने अपने पोस्ट में लिखा, "UN महासभा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात हुई. हमने व्यापार, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों और भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए समृद्धि पैदा करने के लिए हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की."

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा कि अमेरिका के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण (critical importance) है. पारस्परिक हित के मुख्य क्षेत्रों पर भारत की निरंतर भागीदारी का स्वागत किया गया. इस बयान में कहा गया है, "सेक्रेटरी रुबियो ने यह दोहराते हुए कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण संबंध है, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिज और द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित अन्य वस्तुओं सहित कई मुद्दों पर भारत सरकार की निरंतर भागीदारी के लिए अपनी सराहना व्यक्त की."

बयान में कहा गया है, "सचिव रुबियो और विदेश मंत्री जयशंकर इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका और भारत क्वाड सहित एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे."

वहीं भारत के विदेश मंत्री ने इस बैठक को रचनात्मक बताया और निरंतर जुड़ाव के महत्व को दोहराया. X पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "आज सुबह न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलकर अच्छा लगा. हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव के महत्व पर सहमति हुई. हम संपर्क में बने रहेंगे."

Advertisement

क्यों अहम थी यह बैठक

भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगा दिया है. इससे बढ़े व्यापार तनाव के बाद यह बैठक उनकी पहली सीधी बातचीत थी. हालिया चुनौतियों के बावजूद, इस बैठक को भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें तनाव के संकेत दिखे थे लेकिन अब सुधार की ओर बढ़ रहे हैं.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bulldozer Action Uttarakhand: Dhami सरकार का बुलडोजर! हरिद्वार में अवैध मजार ध्वस्त | CM Yogi
Topics mentioned in this article