अमेरिका-भारत (US-India) रक्षा संबंधों (Defense Relations) को लेकर पहले से भी अधिक एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. पेंटागन (Pentagon) में मौजूद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में ''अविश्वसनीय प्रवाह'' है और दोनों देशों के बीच ‘टू प्लस टू' वार्ता (2+2 meeting) अप्रैल के आरंभ में होने की संभावना है. पेंटागन के एक अधिकारी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific) के संबंध में अमेरिकी कांग्रेस की बैठक के दौरान यह बात कही. अमेरिका-भारत के बीच पिछली ‘टू प्लस टू' वार्ता 2020 में नयी दिल्ली में हुई थी. अगली बैठक की मेजबानी अमेरिका वाशिंगटन में करेगा. ‘टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों पक्षों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होती है.
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के मुद्दे पर रूस के खिलाफ दिए जा रहे वोट से भारत के बाहर रहने के बाद अमेरिकी संसद में भारत और अमेरिका के संबंधों पर सवाल उठे थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से पत्रकारों ने यह सवाल भी पूछा था कि क्या अमेरिका रूस से S-400 खरीदने पर भारत पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. इसके बाद अमेरिका रक्षा मंत्रालय ने भारत का अमेरिकी संसद में बचाव किया था. भारत और अमेरिका की 2+2 बैठक होने से भारत के रूस के खेमें होने की अमेरिकी सांसदों की चिंताओं पर भी कुछ विराम लगेगा.
हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के लिये सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने बुधवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर कांग्रेस की बैठक के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया कि उनका मानना है कि अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों में ''अविश्वसनीय प्रवाह'' है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं.
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि उनसे (चुनौतियों से) निपटा जा सकता है और हम संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.''
रैटनर ने कहा, ''अप्रैल के आरंभ में हम अपनी सर्वोच्च स्तरीय वार्ता करने जा रहे हैं. यह ‘टू प्लस टू' वार्ता होगी, जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्षों विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों पक्ष विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे.''