फार्मा पर डोनाल्ड ट्रंप के 100% टैरिफ का भारत पर नहीं होगा बड़ा असर, दवा कंपनियों ने यह तैयारी कर रखी है 

Donald Trump Declares 100% Tariff On Pharma Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर, 2025 से ब्रांडेड और पेटेंट वाली फार्मास्युटिकल दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • अमेरिका के राष्ट्रपति ने ब्रांडेड और पेटेंट फार्मास्युटिकल दवाओं के आयात पर 1 अक्टूबर से 100% टैरिफ लगाया
  • यह टैरिफ केवल उन कंपनियों पर लागू होगा जो अमेरिका में अपनी दवाइयां नहीं बना रही हैं
  • भारतीय फार्मा कंपनियों का अमेरिका में निर्यात मुख्यतः जेनेरिक दवाओं का है, इसलिए टैरिफ से ज्यादा प्रभाव नहीं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ बम फोड़ा है. ट्रंप ने 1 अक्टूबर, 2025 से ब्रांडेड और पेटेंट वाली फार्मास्युटिकल दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की. भारत के लिए यह बड़ी खबर है क्योंकि फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र अमेरिका के साथ व्यापार पर सबसे अधिक निर्भर घरेलू उद्योगों में से एक है. रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने एक ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, "1 अक्टूबर, 2025 से, हम किसी भी ब्रांडेड या पेटेंट फार्मास्युटिकल उत्पाद पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे, जब तक कि वो कंपनी अमेरिका में अपना फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं बना रही हो." हम आपको यहां बताएंगे कि भारत पर ट्रंप के इस नए टैरिफ का क्या असर होगा. पहले जानिए ट्रंप ने क्या फैसला लिया है.

ट्रंप ने क्या फैसला लिया है?

ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा, “1 अक्टूबर 2025 से, हम किसी भी ब्रांडेड या पेटेंट फार्मास्युटिकल उत्पाद पर 100% टैरिफ लगाएंगे, जब तक कि वह कंपनी अमेरिका में अपना फार्मास्युटिकल बनाने वाली फैक्ट्री नहीं बना रही हो. "निर्माण हो रहा है" को "ब्रेकिंग ग्राउंड" और/या "निर्माणाधीन" के रूप में परिभाषित किया जाएगा. इसलिए, यदि निर्माण शुरू हो गया है तो इन फार्मास्युटिकल उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं होगा. इस बात की ओर आपका ध्यान के लिए धन्यवाद!”

साथ ही उन्होंने अमेरिका में सभी हेवी-ड्यूटी ट्रकों के आयात पर 25% टैरिफ और किचन कैबिनेट पर 50% टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है.

ट्रंप के इस फैसले का भारत पर क्या असर?

ट्रंप के इस नए टैरिफ से भारतीय फार्मा कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं होगा. इसकी वजह यह है कि अधिकांश भारतीय कंपनियां अमेरिका में जेनेरिक दवाओं का निर्यात करती हैं, ब्रांडेड नहीं. इसके अलावा दवाइयां बनाकर अमेरिका में बेचने वाली बड़ी कंपनियों के पास पहले से ही अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं हैं. इसलिए एक्सपर्ट यह उम्मीद लगा रहे हैं कि बाजार खुलने पर यह कंपनियां बुरी तरह प्रभावित नहीं होंगी. 

अमेरिका में ब्रांडेड/पेटेंट उत्पाद बेचने वाली एकमात्र कंपनी सन फार्मा है. यह कंपनी भी अमेरिका और यूरोप में फैली CMO सुविधाओं (जो किसी अन्य कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दवा या अन्य उत्पाद बनाती है) के माध्यम से विशेष उत्पाद को आउटसोर्स करता है.

अमेरिका में भारत की दवाइयों का निर्यात

फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त वर्ष 2023- 2024 में, भारत के कुल $27.9 बिलियन मूल्य के फार्मा निर्यात में से 31 प्रतिशत या $8.7 बिलियन अमेरिका गया था. रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 45 प्रतिशत से अधिक जेनेरिक और 15 प्रतिशत बायोसिमिलर दवाओं की आपूर्ति करता है. डॉ रेड्डीज, अरबिंदो फार्मा, जाइडस लाइफसाइंसेज, सन फार्मा और ग्लैंड फार्मा जैसी कंपनियां कथित तौर पर अमेरिकी बाजार से अपने कुल राजस्व का 30-50 प्रतिशत तक कमाती हैं.

यह भी पढ़ें: फार्मा पर 100% टैरिफ: अमेरिका को ही बीमार कर सकती है दवा कंपनियों को दी गई ट्रंप की कड़वी गोली

Advertisement
Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi ने फोड़ा Hydrogen Bomb, वोट चोरी का 'H फाइल्स' खुलासा | Syed Suhail | Bihar Elections
Topics mentioned in this article