अमेरिका ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया

BLA एक उग्रवादी समूह है जो पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई लड़ रहा है. इस प्रांत की सीमा उत्तर में अफगानिस्‍तान और पश्चिम में ईरान से लगती है.  

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  • अमेरिकी विदेश विभाग ने बलूच लिब्रेशन आर्मी को विदेशी आतंकी संगठन के रूप में घोषित किया है.
  • बलूच लिब्रेशन आर्मी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ रही है.
  • बीएलए ने कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट पर हमले शामिल हैं.
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वॉशिंगटन:

अमेरिकी विदेश विभाग ने बलूच लिब्रेशन आर्मी (BLA) को एक विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. बीएलए, जिसे मजीद ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है, एक उग्रवादी समूह है जो पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई लड़ रहा है. इस प्रांत की सीमा उत्तर में अफगानिस्‍तान और पश्चिम में ईरान से लगती है.  

पाकिस्‍तान में हमलों का जिम्‍मेदार 

विदेश विभाग ने कहा है कि मजीद ब्रिगेड को फॉरेन टेररिस्‍ट ऑर्गेनाइजेशन (एफटीओ) में डाल रही है. साल 2019 में अमेरिका ने बीएलए को स्‍पेशली डेस्गिनेटेड ग्‍लोबल टेररिस्‍ट (SDGT) में डाला था. विदेश विभाग के अनुसार साल 2019 से ही बीएलए ने पाकिस्‍तान में हुए कई आतंकी हमलों की जिम्‍मेदारी ली है. साल 2024 में बीएलए ने दावा किया कि उसने कराची एयरपोर्ट और ग्‍वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्‍प्‍लेक्‍स के करीब हुए आत्‍मघाती हमलों को अंजाम दिया है. 

विदेश विभाग ने अपने बयान में जाफर एक्‍सप्रेस का भी जिक्र किया है. इस साल मार्च में जिस जाफर एक्‍सप्रेस को हाइजैक किया गया था, उसकी जिम्‍मेदारी भी बीएलए ने ही ली थी. यह ट्रेन क्‍वेटा से पेशावर जा रही थी जब इसे हाइजैक कर लिया गया था. बीएलए ने 300 यात्रियों को बंधक बना लिया था.उस घटना में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों समेत 31 लोगों की मौत हो गई थी. 

आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्ध 

विदेश विभाग  ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. विदेश विभाग की मानें तो संगठनों को आतंकी सूची में डालना यह बताता है कि अमेरिका किस तरह से इस आफत से लड़ रहा है और कितने प्रभावी तरीके से आतंकी गतिविधियों को मिल रही मदद को खत्‍म करने में लगा हुआ है. अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया है कि सोमवार को जो फैसला लिया गया है वह इमीग्रेशन एंड नेशनैलिटी एक्‍ट के सेक्‍शन 219 के तहत है.  


 

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