कनाडा (Canada) इन दिनों कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) और पाबंदियों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शनों से जूझ रहा है. ट्रक चालकों (Truckers) की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने कनाडा की राजधानी ओटावा (Ottawa) में ट्रकों के साथ जाम लगा दिया है और कई जगह कनाडा से अमेरिका की क्रॉसिंग (US-Canada Border) पर जाम लगा दिया है. इस स्तिथी से निपटने के लिए कनाडा को आपातकाल के कानून (Emergency Act) को लागू करना पड़ा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका में मौजूद एक हिंदू संगठन (US based Hindi Organization) ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो (Justin Trudeau) से शांतिपूर्ण रूप से विरोध प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार का सम्मान करने का आग्रह किया है.
‘हिंदूपैक्ट' नामक संगठन के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘कनाडा में विरोध प्रदर्शनों और उन्हें दबाने के लिए अपनाए जा रहे कठोर तौर-तरीकों एवं कदमों के बारे में आ रही खबरों को लेकर मुझे खेद है। वहां स्थिति बेहद चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवारों और दोस्तों के लिए बहुत चिंतित हैं.''
हिंदूपैक्ट ने एक बयान जारी कर ट्रुडो से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने के कनाडा के लोगों के अधिकार का सम्मान करने का आग्रह किया है.
हिंदू संगठन ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार किसी भी लोकतंत्र में मौलिक अधिकार है. कनाडा में असंतोष की आवाज को दबाने के लिए एक आपातकालीन आदेश की घोषणा एक दुखद उदाहरण है.
‘हिंदूपैक्ट' ने ट्रुडो और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह से भी आग्रह किया कि वे ‘‘स्वास्तिक'' की तुलना नाजी प्रतीक ‘‘हकेनक्रेज'' से न करें. स्वास्तिक हिंदुओं, बौद्ध अनुयायियों, सिखों और दुनिया भर के कई अन्य समुदायों के लिए एक प्राचीन और शुभ प्रतीक माना जाता है.
ट्रुडो और जगमीत सिंह दोनों ने हाल के दिनों में प्रदर्शनकारियों पर ‘‘स्वस्तिक लहराने'' का आरोप लगाते हुए बयान दिए थे.
उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस गलत बयानबाजी से हिंदुओं और सिखों के खिलाफ नफरत की भावना पैदा होगी. पिछले एक महीने में ही कनाडा में छह हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई.''