अमेरिकी सेना ने यूरोप में अपने ठिकानों पर अलर्ट स्तर को दूसरे उच्चतम स्तर तक बढ़ाया, जानें कारण

रूस में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पूरी दुनिया में आतंकवाद को लेकर एक बार फिर सभी देश सतर्क हो गए हैं. यहां पढ़ें अमेरिका को क्यों अलर्ट मोड पर जाना पड़ा...

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अमेरिका में इस अलर्ट को लेकर कई अटकलें भी लग रही हैं.

कई अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने रविवार को बताया कि अमेरिकी सेना ने यूरोप में कई ठिकानों पर अलर्ट स्तर को दूसरे उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है. एबीसी न्यूज और सीएनएन दोनों ने अज्ञात अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि पूरे यूरोप में स्थित अमेरिकी ठिकानों को "चार्ली" अलर्ट स्तर तक बढ़ा दिया गया था.

अमेरिकी सेना अपनी वेबसाइट पर कहती है कि इस स्तर का आदेश तब दिया जाता है जब "कोई घटना घटती है या किसी प्रकार की आतंकवादी कार्रवाई या कर्मियों के खिलाफ किसी तरह के अनिष्ट की खुफिया जानकारी प्राप्त होती है."

उच्चतम स्तर का "डेल्टा" तब लागू किया जाता है, जब कोई आतंकवादी हमला हुआ हो या होने वाला हो. एएफपी द्वारा संपर्क किए जाने पर यूएस यूरोपियन कमांड (USEUCOM) ने स्थिति में बदलाव की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा. "हम सतर्क रहते हैं."

इस बीच पेंटागन ने कहा कि "यूरोपीय थिएटर में तैनात अमेरिकी सेवा सदस्यों और उनके परिवारों की सुरक्षा को संभावित रूप से प्रभावित करने वाले कारणों के चलते अमेरिकी यूरोपीय कमांड गर्मी के महीनों के दौरान सतर्कता पर जोर देने के अपने प्रयासों को दोगुना कर रहा है."

अमेरिकी विदेश विभाग ने वर्तमान में जर्मनी में अमेरिकी नागरिकों को आतंकवाद के कारण अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है. जर्मनी में USEUCOM का मुख्यालय भी है.

हालांकि किसी विशेष खतरे का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन मार्च में बंदूकधारियों द्वारा मॉस्को के बाहर लगभग 150 लोगों की हत्या के बाद से यूरोपीय देश सतर्क हो गए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह ने ली थी.

फ्रांस ने भी पेरिस ओलंपिक से पहले अपनी सतर्कता बढ़ा दी है, जबकि जर्मनी वर्तमान में एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है.

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