अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी (Jen Psaki) ने कहा है कि अमेरिका (US) , यूक्रेन (Ukraine) के मुद्दे पर भारत (India) के साथ बात कर रहा है और अगले महीने जापान (Japan) में होने वाले क्वाड (Quad) (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन में भी इस पर बातचीत की जाएगी जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन (Joe Biden) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलेंगे. साकी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ युद्ध में यूक्रेन के लोगों की मदद करने के लिए भारतीय नेताओं के साथ हमारी बातचीत जारी है...चाहे वह हमारे द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हों या हमने जो सहायता प्रदान की है. हम बैठक में ये बातें रखेंगे.''
वह जापान में मई में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन और उसमें यूक्रेन का मुद्दा उठाए जाने से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
रूस के साथ आर्थिक संबंधों को सीमित करने और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का विरोध करने के लिए भारत पर बढ़ते पश्चिमी दबाव के बीच साकी की यह टिप्पणी आई है.
भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं की है और वह बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की बात कहता रहा है.
क्वाड में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं. अमेरिकी प्रशासन ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन तोक्यो यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.
हालांकि क्वाड शिखर सम्मेलन की तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जापानी मीडिया ने खबर दी है कि यह 24 मई को हो सकता है.
साकी ने कहा, ‘‘ बैठक में अभी कई सप्ताह हैं, इसलिए काफी कुछ हो सकता है। जैसा कि आपको पता है कि क्वाड के अन्य सदस्य देश भी युद्ध लड़ने में यूक्रेन के प्रयासों में उसकी मदद करने में महत्वपूर्ण साझेदार तथा समर्थक हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के तौर पर जापान ने न केवल कई प्रकार की सहायता प्रदान की है, बल्कि वे यूरोप की मदद के लिए कुछ एलएनजी (तरीलकृत प्राकृतिक गैस) संसाधन की आपूर्ति पर भी सहमत हुए हैं. उन्होंने कई कदम उठाए हैं, जिन पर चर्चा की जाएगी.''
नयी दिल्ली में, भारत ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर कहा कि उसका उद्देश्य रूस के साथ अपने आर्थिक जुड़ाव को स्थिर करने का रहा है और एक अंतर-मंत्रालयी समूह मॉस्को के साथ भुगतान तंत्र से संबंधित मुद्दों को हल करने पर विचार कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि ऐसी संभावना है कि रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंध भारत को प्रभावित कर सकते हैं और अंतर-मंत्रालयी समूह इस मुद्दे को देख रहा है.
उन्होंने कहा, 'हमारा उद्देश्य यह देखना रहा है कि कैसे (हम) आर्थिक लेनदेन या आर्थिक जुड़ाव को स्थिर कर सकते हैं जो हम वर्तमान संदर्भ में रूस के साथ कर रहे हैं.'
बागची ने कहा कि वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी समूह भुगतान तंत्र को देख रहा है.