यूक्रेन के खेरसॉन शहर पर फिर कब्ज़ा हो जाने के बाद राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की ने सोमवार को अचानक वहां पहुंचकर कहा, "खेरसॉन पर यूक्रेन का फिर कब्ज़ा हो जाना युद्ध के खात्मे की शुरुआत है..." हालांकि NATO के महासचिव जेन्स स्टोल्टेबर्ग ने यूक्रेन को चेताया है कि आने वाले महीने मुश्किल बीतने वाले हैं, और उन्हें रूस की सैन्य क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए.
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के मित्र तथा सहयोगी हैं) ने सहमति जताई कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कभी नहीं किया जाना चाहिए, और इसमें यूक्रेन युद्ध भी शामिल है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की की तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें वह सीने पर हाथ रखे राष्ट्रीय गान गा रहे हैं, और खेरसॉन की मुख्य प्रशासनिक इमारत की बगल में फहराता देश का नीला और पीला झंडा दिखाई दे रहा है. यहीं ज़ेलेन्स्की ने कहा, "यह युद्ध के खात्मे की शुरुआत है..."
उन्होंने कहा, "यह लम्बा रास्ता है... मुश्किल रास्ता है, क्योंकि युद्ध ने हमारे मुल्क के सर्वश्रेष्ठ नायकों को छीन लिया है... हम शांति के लिए तैयार हैं, लेकिन यह हमारी शांति होगी, हमारे मुल्क के लिए होगी... सारा देश हमारा है, हमारी ज़मीन है..."
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता ने खंडन करते हुए कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के खेरसॉन दौरे से खेरसॉन इलाके की स्थिति पर कोई असर नहीं होगा, जिसे औपचारिक रूप से रूस ने पिछले माह कब्ज़ा लिया था.
खेरसॉन में वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की ने कहा, "इस युद्ध की बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ी है... लोग ज़ख्मी हैं... बहुत से मारे जा चुके हैं... भीषण युद्ध हुआ, और नतीजा सामने है - आज हम खेरसॉन इलाके में मौजूद हैं..."
दरअसल, ज़ेलेन्स्की के खेरसॉन दोरे से कुछ ही दिन पहले यूक्रेनी फौजों ने शहर में प्रवेश किया था, जबकि रूसी सेना शुक्रवार को पीछे हट गई थी.
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