रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच सुमी (Sumy) में फंसे 700 भारतीय छात्रों (Indian Students) की वहां से निकलने की आस भी पूरी होते-होते रह गई. यूक्रेन के सुमी में मौजूद भारतीय छात्रों ने बताया कि सीज़फायर (Ceasefire) के बाद 3 बसें उन्हें लेने के लिए आईं थीं. लड़कियों को पहले बसों में चढ़ने को कहा गया था. लड़कियां अपना सामान लेकर बस में इस उम्मीद से चढ़ीं थीं कि अब 12 दिन के युद्ध (War) के बाद वो सुमी से निकल पाएंगी, लेकिन इस बीच खबर आई कि सुमी में युद्धविराम ख़त्म हो गया है और लड़कियों को बस से उतार कर वापस हॉस्टलों में भेज दिया गया.
यूक्रेन के सुमी से भारतीय छात्रों को निकालने में मदद कर रहे वॉलेंटीयर ग्रुप्स पर इसकी जानकारी दी गई है. सुमी में भारतीय दूतावास के साथ भारतीय छात्रों की निकासी में सहयोग कर रहे सूत्रों और सुमी में मौजूद छात्रों ने भी इसकी पुष्टि की है.
सुमी (Sumy) में मौजूद भारतीय छात्र मुट्टूथरा अखिलेशन ने NDTV को बताया, "करीब एक-डेढ़ घंटा पहले हमें सुमी से ले जाने के लिए तीन बसें आईं थीं. कहा गया था कि पहले लड़कियों को बसों में चढ़ने दें, लेकिन फिर हमें यहां से निकालने की योजना यह कह कर स्थगित कर दी गई कि अभी नहीं जा सकते सीज़फायर ख़त्म हो गया है. सभी लड़कियों को बस से उतार कर वापस हॉस्टल भेज दिया गया. हम भी हॉस्टल में अगली सूचना का इंतजार कर रहे हैं."
सुमी में मौजूद हिबा ने बताया, "यहां 2 हॉस्टलों में करीब 700 भारतीय छात्र हैं. आज सुबह हम बहुत खुश थे और करीब 10 बजे सुबह बसों में चढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे. हमें पहले बसों में चढ़ने को कहा गया. सभी लड़कियां बसों में थीं. और तभी खबर आई कि हमें हॉस्टल में जाना है. ये बहुत दुखद था. पता नहीं कि आज हम यहां से जा पाएंगे या नहीं. हम अभी भी इंतज़ार कर रहे हैं."
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सुमी (Sumy) में फंसे 700 भारतीय छात्रों को दूतावास से खबर मिली थी कि आज किसी भी समय उन्हें सुमी से निकाला जाएगा. बताया जा रहा था कि सुमी से छात्रों को पहले यूक्रेन के पोल्टावा ले जाया जाना था. सुमी से पोल्टावा की दूरी 175 किलोमीटर की है.
वहीं समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक यूक्रेन ने बेलारूस, रूस के लिए मास्को द्वारा प्रस्तावित ह्यूमन कॉरिडोर को खारिज कर दिया है. रूस ने सोमवार को यूक्रेन के चार शहरों में सीजफायर की घोषणा की थी. इन शहरों में जिसमें कीव, खारकीव, और सुमी भी शामिल हैं. यहां से नागरिकों को निकलने के लिए ह्यूमन कॉरिडोर दिया जाना था.
भारतीय छात्र (Indian Students) पिछले कई दिनों से निकाले जाने की अपील कर रहे हैं. भारतीय अधिकारियों की ओर से छात्रों को सूचना दी जा रही है कि जल्द से जल्द रूस-यूक्रेन युद्द के बीच से निकाला जाएगा. इस बीच सुमी में भारतीय छात्रों को किसी भी समय निकलने की पूरी तैयार रखने को कहा गया है.
सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को पूरी उम्मीद है कि इस युद्धविराम में भारतीय अधिकारी उन्हें सुमी से निकाल लेंगे. युद्ध की भयावहता देखते हुए भारत छात्रों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता. सूत्रों ने बताया था कि सुमी में भारतीय छात्रों को लेने के लिए बस पहुंचने वाली हैं. भारतीय छात्रों को सुमी से निकालने के लिए रेडक्रॉस की मदद ली जा रही है.
आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़लेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दोनों से बात की थी. दोनों देशों की ओर से भारत को पूरी मदद का भरोसा दिलाया गया था. प्रधानमंत्री ने ख़ास तौर से सुमी में फंसे छात्रों की सुरक्षित वापसी को लेकर चर्चा की थी.