UK PM Liz Truss को सत्ता के संग मिलेगा मुश्किलों का अंबार : ये हैं 4 सबसे बड़ी चुनौतियां

ब्रिटेन (UK) की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस (New UK Prime Minister Liz Truss) पार्टी के चुनाव में ज़रूर जीत गईं हैं लेकिन उनके सामने ब्रिटेन में चुनौतियों (Challenges) का बड़ा अंबार होगा.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
लिज़ ट्रस (Liz Truss) के सामने प्रधानमंत्री पद जीतने के बाद कई बड़ी चुनौतियों से जूझने की चुनौती होगी (File Photo)

ब्रिटेन (UK) में लिज ट्रस (Liz Truss) के सामने एक ऐसी अर्थव्यवस्था (Economy) को संभालने की चुनौती (Challenge) होगी जिसके साल खत्म होने से पहले मंदी (Recession) में जाने का डर है. ब्रिटेन में महंगाई दहाई के आंकड़े मुंह खोले खड़ी है. ये हैं ब्रिटेन में नई प्रधानमंत्री बनी लिज़ ट्रस की सबसे बड़ी चुनौतियां :-  

1. जीवन यापन की कीमतें 

ब्रिटेन 40 साल की सर्वोच्च महंगाई दर से जूझ रहा है. तेजी से बढ़ती बिजली और और खाने की वस्तुओं की कीमतें महंगाई में और आग लगा रही हैं. ट्रस ने अपने चुनावी भाषणों में वादा किया था कि वो टैक्स में कटौती करेंगी. उन्होंने हाल ही में कर्मचारियों की तरफ से राष्ट्रीय इंश्योरेंस में बढ़ाए गए योगदान को भी वापस करने की शपथ ली थी.  नेशनल इंश्योरेंस के पैसे से ब्रिटेन  में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं और कल्याणकारी योजनाएं चलती हैं. ट्रस ने  ईंधन पर लगा टैक्स भी कम करने का प्रस्ताव किया था. इसी पैसे से ब्रिटेन को स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाने हैं.   

2. ऊर्जा कीमतें

लिज ट्रस फिलहाल 47 साल की हैं और उन्होंने साल 2050 तक ब्रिटेन के कार्बन न्यूट्रल बनने के सपने का समर्थन किया था. उन्होंने ऊर्जा में निवेश का भी समर्थन किया था जिसमें विवादास्पद फ्रेकिंग तकनीक (fracking technology) में निवेश भी शामिल है लेकिन इसे स्थानीय लोगों का समर्थन हासिल है.  ट्रस यह भी चाहती हैं कि नॉर्थ सी के जरिए अधिक ऊर्जा आए, और उन्होंने ब्रिटेन की बोरिस सरकार की परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश की नीति का भी समर्थन किया था.  ब्रिटेन रूस यूक्रेन युद्ध के बाद ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है.  

Advertisement

3. ब्रेग्ज़िट (Brexit)

ट्रस ने साल 2016 के जनमत संग्रह से पहले यूरोपियन यूनियन में ब्रिटेन के रहने का समर्थन किया था.  लेकिन फिर जनता के यूरोपीय यूनियन को छोड़ने के मतदान के बाद उन्होंने अपना पाला बदल लिया. अब लिज ट्रस पूरी तरह से ब्रेग्जिट के समर्थन में हैं. उन्होंने नॉर्दन आयरलैंड को लेकर यूरोपीय संघ के साथ हुए समझौते को भी खारिज करने का प्रस्ताव दिया.   
उन्होंने यह भी वादा किया था कि वो ब्रिटेन के संविधान से सभी यूरोपीय कानून हटा देंगी ताकि ब्रिटेन के विकास में तेजी से विकास हो सके.  लेकिन ट्रस ने अभी तक ब्रेग्ज़िट के बाद आई कर्मचारियों की भारी कमी से निपटने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है.  

Advertisement

4. बैंकों का वित्तीय नियमन 

ट्रस ने लंदन फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट के नियमों में बड़े बदलाव की माांग की है. खास तौर से वो फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी को प्रूडेंशियल रेगुलेशन अथॉरिटी के साथ मिला देना चाहती हैं जो बैंकों को देखता है और बैंक ऑफ इंग्लैंड का हिस्सा है. ट्रस बढ़ती महंगाई को लेकर बैंक ऑफ इंग्लैंड के विचारों की आलोचक रही हैं.  उन्होंने यह तक कह डाला था कि वह 1997 में बने बैंक ऑफ इंग्लैंड को वित्तीय नीतियों को लेकर कार्यकारी स्वतंत्रता देने वाले स्टेटस पर भी दोबारा विचार करेंगी.  बढ़ती हुई वैश्विक महंगाई को कम करने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और दूसरे बड़े केंद्रीय बैंकों ने इस साल कई बार अपनी कर्ज की दरें बढ़ाई हैं.   

Advertisement
Featured Video Of The Day
Canada Hindu Temple Attack: Khalistani भीड़ में शामिल कनाडाई पुलिसवाला निलंबित, Video हुआ था Viral