Britain Elections: ब्रिटेन चुनावों में ऐसी सूनामी चली कि ऋषि सुनक उड़ गए. उनकी कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार हुई है. लेबर पार्टी ने 650 सीटों में से 400 पार सीटें जीतकर 14 साल बाद प्रचंड वापसी की है. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करते हुए लिखा- I am sorry. लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगली प्रधानमंत्री बनेंगे.
लेबर पार्टी की सूनामी, उड़ गए सुनक: ब्रिटेन में गुरुवार को हुए आम चुनावों (UK Elections) में पीएम ऋषि सुनक को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि विरोधी लेबर पार्टी '400 पार' यानी 415 से ज्यादा सीटें जीती है, जो कि बहुमत का आंकड़ा 326 से काफी ज्यादा हैं. लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे. लेबर पार्टी की सूनामी में सुनक की पार्टी आसपास भी नहीं टिक सकी. सुनक कीं कंजर्वेटिव को 120 सीटें मिली हैं.
सुनक जीते, पर पार्टी हारी: ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री सुनक हालांकि अपनी सीट जीत गए. उन्होंने उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड एवं नॉर्थलेरटन सीट पर 23,059 वोटों से जीत हासिल की. सुनक ने पार्टी की करारी हार के बाद स्टॉर्मर को बधाई दी. इस दौरान सुनक के साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी मौजूद थीं.
14 साल बाद लेबर पार्टी वापस: ब्रिटेन के नए पीएम बनने जा रहे लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीट से जीत दर्ज की. लेबर पार्टी को मिली जीत पर 61 वर्षीय स्टार्मर ने कहा, ‘मैं आपकी आवाज बनूंगा, आपका साथ दूंगा, हर दिन आपके लिए लड़ूंगा.' स्टार्मर ने जीत के बाद शुक्रवार सुबह एक विजयी भाषण दिया. इसमें उन्होंने कहा कि देश को "14 साल (कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार) के बाद अपना भविष्य वापस मिल गया है."
ब्रिटेन में सही निकले EXIT POLL: ब्रिटेन में आए चुनाव नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक ही रहे हैं. एग्जिट पोल में लेबर पार्टी को 410 सीट मिलने का अनुमान जताया गया था. नतीजे भी उसके मुताबिक आए हैं. ब्रिटेन में एक बार सिर्फ साल 2015 में एग्जिट पोल का अनुमान गलत साबित हुआ था. सर्वे में त्रिशंकु संसद की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन जीत कंजर्वेटिव पार्टी को मिली थी.
लेबर पार्टी के सामने चुनौतियां: कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी एक सुस्त अर्थव्यवस्था, चरमराती सार्वजनिक सेवाओं और गिरते जीवन स्तर जैसी कठिन चुनौती का सामना करते हुए सत्ता में आ रही है. उनकी आंधी में कंजर्वेटिव कहीं भी नहीं टिक सके.
ऋषि सुनक की हार की वजह: वहीं ऋषि सुनक की लोकप्रियता का ग्राफ गिरने की वजह गैरकानूनी घुसपैठ को रोकने में नाकामयाब, कोरोना महामारी के दौरान कमजोर हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती न दे पाना, इमिग्रेशन के मुद्दे पर लेबर पार्टी की नीतियों की काट न ढूंढ पाना आदि शामिल है. (पढ़ें क्यों हारे सुनक)
तीसरी सबसे बड़ी पार्टी कौन सी: रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर लंदन ने होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीट पर जीत हासिल की. छोटे विपक्षी दल लिबरल डेमोक्रेट्स और स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है.
भारतीयों का सुनक से मोहभंग क्यों हुआ: यह बड़ा सवाल है. ऋषि सुनक के भारतीय मूल के होने पर प्रवासी भारतीयों को उन पर गर्व था, लेकिन जब वोट देने की बारी आई, तो ऐसा माना जा रहा है कि भारतीयों ने इस इमोशनल ऐंगल की जगह बदलाव को वोट दिया. दरअसल इसे कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के 14 साल के शासन से उपजी निराशा मानी जा रही है.
ब्रिटेन में दूसरे नंबर पर कौन सी पार्टी: शेडो चांसलर रेचल रीव्स ने लीड्स वेस्ट और पुडसे में जीत हासिल की. वहीं सेक्रेट्री ब्रिजेट फिलिप्सन ने सुंदरलैंड साउथ में रात के पहले रिजल्ट में जीत हासिल की. वहीं रिफॉर्म यूके ने शुरुआती नतीजों में अच्छा प्रदर्शन किया है. वह पूरे उत्तर-पूर्व इंग्लैंड में लेबर के बाद दूसरे स्थान पर है.
लेबर पार्टी के चुनावी मुद्दे: कीर स्टार्मर 4 चार साल तक नेता विपक्ष रहे. उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी की नाकामियों और उसके खिलाफ उठने वाले आक्रोश को बहुत करीब से देखा और इसे अपनी पार्टी की मजबूती के लिए इस्तेमाल किया. उनकी लेबर पार्टी ने 'सत्ता और अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए जनता लेबर पार्टी को वोट करें' का नारा दिया.