संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सोमवार को हुए ड्रोन हमले (Drone Attack) का करारा जवाब देने की कसम खाई है. तेल के टैंक (Oil Tank) को निशाना बना कर किए गए इस ड्रोन हमले में तीन लोग मारे गए थे. इस हमले की ज़िम्मेदारी यमन (Yemen) के हूती (Houthi) विद्रोहियों ने ली है. यह पहली बार है जब UAE पर हूती विद्रोहियों का हमला हुआ है और इस हमले को UAE ने स्वीकारा है. UAE सरकार का कहना है कि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल दागीं और हथियारों के साथ ड्रोन्स को तैनात किया है.
संयुक्त अरब अमीरात यमन में सउदी (Saudi) सेना की अगुवाई में लड़ रहे सैन्य गठबंधन का हिस्सा है. यह गठबंधन ईरान (Iran) समर्थित हूती विद्रोहियो के खिलाफ़ जंग में यमन की सरकार का साथ दे रहा है. हूती विद्रोहियों ने अब तक कई बार सउदी अरब को निशाना बनाया है और सीमा पार हमले किए हैं.
आबूधाबी में तेल के व्यापार की बड़ी कंपनी ADNOC के तेल भंडार पर हुए हमले में तीन पैट्रोल टैंक फट गए थे. इस हमले में दो भारतीय और एक पाकिस्तानी कर्मचारी की मौत हो गई. आबूधाबी एयरपोर्ट पर भी एक जगह आग लग गई जहां निर्माण हो रहा था. हिंसाग्रस्त मध्यपूर्व में आमतौर पर UAE को सुरक्षित स्थान माना जाता है.
पुलिस ने कहा," दोनों जगहों पर छोटी उड़ती हुई वस्तुएं देखी गईं जो ड्रोन हो सकती हैं." पड़ोसी देश सउदी अरब में ड्रोन हमले हूती विद्रोहियों की पहचान बन गए हैं.
UAE के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन ज़ाएद अल नाहयान ने कहा, "हम हूती आतंकवादी सैन्यबलों द्वारा UAE की ज़मीन पर नागरिक इलाके में किए गए हमले की निंदा करते हैं. इस गुनाह की सज़ा दी जाएगी. UAE की सेना ने इस हमले को घृणित और उकसाने वाली आपराधिक कार्रवाई बताया.
सउदी अरब, बहरीन, कतर और ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन(OIC), सभी ने इस "आतंकी" हमले की निंदा की है. गठबंधन का कहना है कि सउदी अरब को निशाना बनाने की फिराक़ में लगे आठ हूती ड्रोन्स को भी रोका गया. वहीं हूती सेना के प्रवक्ता याहया सारी ने कहा कि उन्होंने "अहम और संवेदनशील अमीराती ठिकानों पर सफल सैन्य ऑपरेशन किया है".
यह घटना यमन में लड़ाई तेज़ होने के बाद हुई है. यमन में UAE द्वारा प्रशिक्षित सेनाओं को बढ़त मिली थी. इस महीने की शुरुआत में विद्रोहियों ने UAE के झंडे वाला एक जहाज़ और उनका अंतरराष्ट्रीय क्रू भी कब्ज़े में ले लिया था. UAE ने इसे नागरिक कार्गो जहाज़ बताया था तो हूती विद्रोहियों का कहना था कि इसमें यमन की जंग के लिए हथियार भरे हुए थे.
इससे पहले विद्रोहियों ने UAE के बड़े शहरों, आबूधाबी और दुबई पर हमले की चेतावनी दी. पिछले साल ही UAE ने अपने पहले परमाणु पावर प्लांट की शुरुआत की है. हूती विद्रोहियों ने इस हमले को UAE के लिए एक चेतावनी बताया है और कहा है कि अगर UAE यमन में हमले जारी रखेगा तो आने वाले समय में वो हूती हमलों का सामना नहीं कर पाएगा.
यमन के संघर्ष में अब तक लाखों नागरिक बेघर हो चुके हैं और उनमें से कई भुखमरी की कगार पर हैं. संयुक्त राष्ट्र यमन के संकट को दुनिया का सबसे बुरा मानवीय संकट कहता है. UAE ने 2019 में यमन में हूतियों के खिलाफ़ लड़ रही गठबंधन सेना में शामिल होने की घोषणा की थी.