हक मांगा तो मिले आंसू, खुद को कश्मीरियों का हमदर्द बताने वाले पाकिस्तान का POK में असली चेहरा देखिए

पीओके में टैक्स, महंगाई और बिजली की किल्लत जैसे मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां और आंसू गैस के गोले बरसाए

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पीओके के मीरपुर की दड़ियाल तहसील में पाकिस्तान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं.

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पाकिस्तान दमनकारी नीति अपना रहा है. टैक्स, महंगाई और बिजली की किल्लत जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर उसने जमकर लाठी और आंसू गैस के गोले बरसाए. शनिवार को पाकिस्तान (Pakistan) की पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स ने कश्मीरियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. उसने प्रदर्शनकारियों पर लाठी बरसाईं और हवाई फायरिंग की. बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे. हिंसा में दो प्रदर्शनकारियों की  मौत हो गई और कई घायल हो गए. स्थानीय लोगों के मार्च को रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई. 

पाकिस्तान की सरकार अपने कब्जे वाले कश्मीर में कश्मीरियों के साथ गुलामों जैसा बर्ताव कर रही है. यहां बढ़ते टैक्स, महंगाई और बिजली की लोड शेडिंग के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को निशाना बनाया गया. मीरपुर की दड़ियाल तहसील में प्रदर्शनकारियों की शनिवार, 11 मई को शांतिपूर्ण मार्च निकालने की योजना थी. लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान की पुलिस उन पर कहर बनकर टूट पड़ी. ताबड़तोड़ फायरिंग की गई और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. 

दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल, 70 हिरासत में 

पाकिस्तान की सरकार स्थानीय प्रदर्शनकारियों पर भारी ताकत का इस्तेमाल कर रही है. पाकिस्तान पुलिस के अलावा पाकिस्तानी रेंजर और यहां तक की फ्रंटियर कोर को भी प्रदर्शनकारियों के दमन के काम में लगाया गया है. पाकिस्तान पुलिस और सेना की तरफ से की गई इस हिंसा में दो व्यक्तियों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. करीब 70 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. 

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आंसू गैस एक स्कूल के भीतर तक पहुंची, जिससे स्कूली छात्राओं के दम घुटने लगे. वे चीखती रहीं और मदद की गुहार लगाती रहीं, लेकिन वहां उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था क्योंकि प्रशासन का तमाम अमला प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरतने में जुटा था. 
पीओके की बिजली पाकिस्तान के शहरों को दी जा रही

सवाल है कि आखिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कश्मीरी सड़कों पर उतरने के लिए क्यों मजबूर हुए? वे इसलिए सड़कों पर उतरे क्योंकि पाकिस्तान की सरकार के फैसलों से वे तंग आ चुके हैं. जिस पीओके में कई पनबिजली परियोजनाएं हैं, उसे ही बिजली नहीं मिल रही. उसकी बिजली पाकिस्तान के दूसरे अलग-अलग शहरों में भेजी जा रही है. 

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प्रदर्शन की वजह बढ़ती महंगाई और बिजली बिल में किया गया इजाफा है. पाकिस्तान सरकार ने बिजली बिल में सब्सिडी खत्म कर दी है. ऐसा उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले कर्ज की शर्त को पूरा करने के लिए किया है. आर्थिक बदहाली झेल रहे पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था बचाने के लिए आईएमएफ के लोन का ही सहारा है. लेकिन आईएमएफ ने लोन देने के लिए जो शर्तें रखी हैं उनमें सरकार को अपने खर्च करने के तौर तरीके को सुधारने की शर्त भी है. सब्सिडी पर बड़ी रकम खर्च होती है इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने उसे खत्म करने का फैसला किया है. इससे बिजली की दर काफी ज्यादा बढ़ गई है. 

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पुलिस की तरफ से आरोप लगाया गया कि प्रदर्शनकारियों ने उस पर पथराव किया. तस्वीरों में दिख रहा है कि जब पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों पर भारी सख्ती की तो उनका गुस्सा पुलिस की गाड़ियों पर उतरा. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. हथियारबंद पुलिस और बलों से स्थानीय लोग निहत्थे लड़ रहे हैं. 

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